newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

New Parliament: विपक्षियों के विरोध के बीच पीएम मोदी का नए संसद भवन पर पहला रिएक्शन, जानें क्या कहा

New Parliament: दरअसल, पीएम मोदी ने कहा कि जब वह ऑस्ट्रेलिया गए थे, तो वहां उस कार्यक्रम में सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता भी मौजूद थे। कार्यक्रम में दोनों की सहभागिता थी, लेकिन हमारे देश में किसी ना किसी मसले को लेकर सत्तापक्ष और विरोध के बीच रार बनी ही रहती है। 

नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले विपक्षियों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, विपक्षियों की मांग है कि नया संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाना चाहिए, लेकिन आगामी 28 मई को  नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री के द्वारा होना है, जिस पर  विपक्षियों का विरोध अपने चरम पर पहुंच चुका है। वहीं अब पीएम मोदी का इसपर पहला रिएक्शन भी सामने आया है। जिसमें उन्होंने ट्वीट कर वीडियो भी साझा किया है। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि, ‘नया संसद भवन हर भारतीय को गौरवान्वित करेगा।

यह वीडियो इस प्रतिष्ठित इमारत की झलक पेश करता है। मेरा एक विशेष अनुरोध है- इस वीडियो को अपने स्वयं के वॉयस-ओवर के साथ साझा करें, जो आपके विचारों को व्यक्त करता है। मैं उनमें से कुछ को री-ट्वीट करूंगा। #MyParliamentMyPride का इस्तेमाल करना न भूलें। बता दें कि यह पीएम मोदी का नए संसद भवन पर पहला रिएक्शन है। हालांकि, इससे पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान नए संसद भवन पर विरोध करने वाले विपक्षियों को ऑस्ट्रेलिया से कुछ सीखने ही हिदायत दी थी। दरअसल, पीएम मोदी ने कहा था कि जब वह ऑस्ट्रेलिया गए थे, तो वहां उस कार्यक्रम में सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता भी मौजूद थे। कार्यक्रम में दोनों की सहभागिता थी, लेकिन हमारे देश में किसी ना किसी मसले को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच  रार बनी ही रहती है।

 सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा मामला 

बता दें कि इससे पहले नए संसद भवन के उद्घाटन का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था।  दरअसल, कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में यह  मांग की गई थी कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा कराया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों नहीं कराकर दलित अस्मिता का अपमान किया है। सनद रहे कि आज इसी याचिका पर सुनवाई हई,  लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और यह भी स्पष्ट कर दिया कि यह मामला सुनवाई के योग्य नहीं है।