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किसानों के लिए जितना एनडीए शासन में पिछले 6 वर्षों में किया गया, पहले कभी नहीं हुआ: PM Modi

Kosi Rail Mega Bridge Inauguration : पीएम मोदी(PM Modi) ने महासेतु(Mahasetu) के अलावा समस्तीपुर(Samastipur) रेलमंडल की कई योजनाओं का उद्घाटन किया और सुपौल(Supaul) से आसनपुर कुपहा डेमू ट्रेन(Train) के परिचालन को भी हरी झंडी दिखाई।

नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार बिहार पर मेहरबान नजर आ रही है। पिछले कई दिनों से मोदी सरकार ने बिहार के लिए लगातार कई योजनाओं की सौगात बिहार को दे चुकी है। इसी क्रम में पीएम मोदी ने शुक्रवार को मिथिलांचल को जोड़ने वाले कोसी रेल महासेतु का उद्घाटन किया। इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि, इसकी शुरुआत अटल जी के कार्यकाल में हुई थी, लेकिन फिर यूपीए शासन आने के बाद इसका काम ठप हो गया था। पीएम मोदी को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि, अब आप आएं हैं, तो इस कारण ये काम पूरा हो पाया। नीतीश ने इस दौरान अपील करते हुए कहा कि इस लाइन को आगे भी बढ़ाया जाना चाहिए, ऐसी मेरी सरकार से उम्मीद है। पीएम मोदी ने महासेतु के अलावा समस्तीपुर रेलमंडल की कई योजनाओं का उद्घाटन किया और सुपौल से आसनपुर कुपहा डेमू ट्रेन के परिचालन को भी हरी झंडी दिखाई।

Mahasetu

यहां देखिए पीएम मोदी लाइव

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यहां कहा कि रेल कनेक्टविटी के क्षेत्र में आज इतिहास रचा गया। इन प्रोजेक्ट्स से बिहार के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत के लोगों को इससे लाभ मिलेगा। पीएम ने कहा कि 5-6 साल में हमने समस्याओं का हल ढूंढा है। 4 साल पहले उत्तर-दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले दो महासेतु को शुरू किया गया।

Bihar Modi Mahasaetu

लाइव अपडेट्स :

मास्क जरूर पहनें, दो गज की दूरी का हमेशा ध्यान रखें, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता, अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, काढ़ा पीते रहें, गुनगुना पानी पीते रहें। आप सतर्क रहिए, सुरक्षित रहिए, स्वस्थ रहिए।

ये देश की जरूरत है और समय की मांग भी है। किसान, महिलाएं, नौजवान, राष्ट्र के निर्माण में सभी को सशक्त करना हमारा दायित्व है। आज जितनी भी परियोजनाओं को शुरु किया गया है, वो इसी दायित्व का हिस्सा है।

वो लोग किसानों की रक्षा का ढिंढोरा पीट रहे हैं लेकिन दरअसल वे किसानों को अनेक बंधनों में जकड़कर रखना चाहते हैं। वो लोग बिचौलियों का साथ दे रहे हैं, वो लोग किसानों की कमाई को बीच में लूटने वालों का साथ दे रहे हैं।

मैं आज देश के किसानों को नम्रता पूर्वक स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं। आप किसी भी तरह के भ्रम में मत पड़िए। इन लोगों से देश के किसानों को सतर्क रहना है। ऐसे लोगों से सावधान रहें, जिन्होंने दशकों तक देश पर राज किया और जो आज किसानों से झूठ बोल रहे हैं।

किसानों के लिए जितना एनडीए शासन में पिछले 6 वर्षों में किया गया है, उतना पहले कभी नहीं किया गया। किसानों को होने वाली एक-एक परेशानी को समझते हुए, एक-एक दिक्कत को दूर करने के लिए हमारी सरकार ने निरंतर प्रयास किया है।

कोई भी व्यक्ति अपना उत्पाद, दुनिया में कहीं भी बेच सकता है, जहां चाहे वहां बेच सकता है। लेकिन केवल किसान भाई-बहनों को इस अधिकार से वंचित रखा गया था। अब नए प्रावधान लागू होने के कारण, किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में, अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेगा।

हमारी सरकार किसानों को MSP के माध्यम से उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। पहले भी थे, आज भी हैं और आगे भी रहेंगे। सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी।

अब ये दुष्प्रचार किया जा रहा है कि सरकार के द्वारा किसानों को MSP का लाभ नहीं दिया जाएगा। ये भी मनगढ़ंत बातें कही जा रही हैं कि किसानों से धान-गेहूं इत्यादि की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाएगी। ये सरासर झूठ है, गलत है, किसानों को धोखा है।

ये लोग भूल रहे हैं कि देश का किसान कितना जागृत है। वो ये देख रहा है कि कुछ लोगों को किसानों को मिल रहे नए अवसर पसंद नहीं आ रहे। देश का किसान ये देख रहा है कि वो कौन से लोग हैं, जो बिचौलियों के साथ खड़े हैं।

जिन एग्रीकल्चर मार्केट के प्रावधानों में बदलाव का वो विरोध कर रहे हैं, उसी बदलाव की बात इन लोगों ने अपने घोषणापत्र में भी लिखी थी। लेकिन अब जब एनडीए सरकार ने ये बदलाव कर दिया है, तो ये लोग इसका विरोध करने पर, झूठ फैलाने पर उतर आए हैं।

चुनाव के समय किसानों को लुभाने के लिए ये बड़ी-बड़ी बातें करते थे, लिखित में करते थे, अपने घोषणापत्र में डालते थे और चुनाव के बाद भूल जाते थे। आज जब वही चीजें भाजपा- एनडीए सरकार कर रही है, तो ये भांति-भांति के भ्रम फैला रहे हैं।

मैं देश के किसानों को इन विधेयकों के लिए बधाई देता हूं। किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं, उनसे बचाने के लिए ये विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे। ये कृषि सुधार विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं। लेकिन कुछ लोग जो दशकों तक सत्ता में रहे हैं, देश पर राज किया है, वो लोग किसानों को इस विषय पर भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, किसानों से झूठ बोल रहे हैं।

Modi Mahasaetu

कल विश्वकर्मा जयंती के दिन लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयक पारित किए गए हैं। इन विधेयकों ने हमारे अन्नदाता किसानों को अनेक बंधनों से मुक्ति दिलाई है। इन सुधारों से किसानों को अपनी उपज बेचने में और ज्यादा विकल्प और ज्यादा अवसर मिलेंगे।

नीतीश जी की सरकार बनने से पहले तक बिहार में इक्का-दुक्का मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे। आज बिहार में 15 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं, जिसमें से अनेक बीते कुछ वर्षों में ही बनाए गए हैं। कुछ दिन पहले ही बिहार में एक नए AIIMS की भी स्वीकृति दे दी गई है।

पीएम मोदी ने कहा कि, जिस तरह से कोरोना के समय में रेलवे ने काम किया है, काम कर रही है, उसके लिए मैं भारतीय रेल के लाखों कर्मचारियों की विशेष प्रशंसा करता हूं। देश के लाखों श्रमिकों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए रेलवे ने दिन-रात एक कर दिया था।

2014 के पहले के 5 सालों में बिहार में सिर्फ सवा तीन सौ किलोमीटर नई रेल लाइन शुरु थी। जबकि 2014 के बाद के 5 सालों में बिहार में लगभग 700 किलोमीटर रेल लाइन कमीशन हो चुकी हैं। यानी करीब दोगुने से अधिक नई रेल लाइन शुरु हुईं हैं।

बिहार में जिस तरह की परिस्थितियां रहीं हैं, उसमें रेलवे लोगों के आने-जाने का बहुत बड़ा साधन रही है। ऐसे में बिहार में रेलवे की स्थिति को सुधारना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक रहा है।

रेलवे के आधुनिकीकरण का लाभ बिहार और पूर्वी भारत को मिल रहा है। #MakeInIndia को बढ़ावा देने के लिए मधेपुरा में इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री और मढ़ौरा में डीजल लोको फ़ैक्ट्री स्थापित की गई हैं। इन परियोजनाओं से बिहार में लगभग 44 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है।

बीते 6 साल से भारतीय रेल को नए भारत की आकांक्षाओं और आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं के अनुरूप ढालने का प्रयास किया जा रहा है। आज भारतीय रेल, पहले से कहीं अधिक स्वच्छ है।

आज भारतीय रेल के ब्रॉडगेज रेल नेटवर्क को मानवरहित फाटकों से मुक्त कर, पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाया जा चुका है। आज आत्मनिर्भरता और आधुनिकता की प्रतीक, वंदे भारत जैसी भारत में बनी ट्रेनें रेल नेटवर्क का हिस्सा होती जा रही हैं

बिहार के लोग तो भली-भांति जानते हैं कि वर्तमान में निर्मली से सरांयगढ़ का सफर करीब-करीब 300 किमी का होता है। अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब बिहार के लोगों को 300 किमी की ये यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। 300 किमी की ये यात्रा सिर्फ 22 किमी में सिमट जाएगी।

PM Modi Mahasetu Bihar

आज कोसी महासेतु होते हुए सुपौल-आसनपुर कुपहा के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने से सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को बहुत लाभ होगा। यही नहीं, इससे नॉर्थ ईस्ट के साथियों के लिए एक वैकल्पिक रेलमार्ग भी उपलब्ध हो जाएगा

करीब साढ़े आठ दशक पहले भूकंप की एक भीषण आपदा ने मिथिला और कोसी क्षेत्र को अलग-थलग कर दिया था। आज ये संयोग ही है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच इन दोनों आंचलों को आपस में जोड़ा जा रहा है।

4 वर्ष पहले उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले दो महासेतु, एक पटना में और दूसरा मुंगेर में शुरु किए गए थे। इन दोनों रेल पुलों के चालू हो जाने से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच, लोगों का आना-जाना और आसान हुआ है।

बिहार में गंगाजी, कोसी, सोन नदियों के विस्तार के कारण, बिहार के अनेक हिस्से एक दूसरे के कटे रहे हैं। नदियों के फैलाव वजह से होने वाला लंबा सफर बिहार के लोगों की एक समस्या रहा है। बिहार की इस बड़ी समस्या के समाधान के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं।