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PM Narendra Modi Inaugurates WTSA 2024 : पीएम नरेंद्र मोदी ने साइबर खतरों के खिलाफ वैश्विक समुदाय से की एकजुट होने की अपील

PM Narendra Modi Inaugurates WTSA 2024 : प्रधानमंत्री ने कहा, हम प्रौद्योगिकी को मानव-केंद्रित आयाम देने का निरंतर प्रयास करें। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि क्रांति जिम्मेदार और टिकाऊ हो। आज हम जो मानक तय करेंगे, वही आगे चलकर हमारे भविष्य की दिशा निर्धारित करेंगे, इसलिए सुरक्षा, गरिमा और समानता के सिद्धांत हमारी चर्चा के केंद्र में होने चाहिए।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ – विश्व दूरसंचार मानकीकरण असेंबली (डब्ल्यूटीएसए) 2024 का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने आज के इस डिजिटल दौर में बढ़ते साइबर खतरों की तरफ ध्यान दिलाते हुए वैश्विक समुदाय से इसके खिलाफ एकजुट होने की अपील की। मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रौद्योगिकी के लिए बनाए जाने वाले सभी डिजिटल उपकरण और एप्लिकेशन किसी भी देश की सीमाओं से परे हैं, इसलिए कोई भी देश अपने नागरिकों को अकेले साइबर खतरों से नहीं बचा सकता है वैश्विक संस्थानों को आगे आकर जिम्मेदारी लेनी होगी। जैसे हमने विमानन क्षेत्र के लिए एक वैश्विक नियम और कानून का ढांचा बनाया है, डिजिटल दुनिया को भी एक ऐसे ही ढांचे की जरूरत है।

आईटीयू विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के वैश्विक ढांचे का विषय, वैश्विक दिशानिर्देश, अब समय आ गया है कि वैश्विक संस्थान वैश्विक प्रशासन के लिए इसके महत्व को स्वीकार करें। हमें वैश्विक स्तर पर प्रौद्योगिकी के लिए क्या करें और क्या न करें, यह स्थापित करने की आवश्यकता है।  भारत का डेटा संरक्षण अधिनियम और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति एक सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मैं इस सभा के सदस्यों से ऐसे मानक स्थापित करने का आग्रह करता हूं जो समावेशी, सुरक्षित और हर भविष्य की चुनौती के लिए अनुकूल हों। एथिकल एआई और डेटा गोपनीयता के लिए ऐसे वैश्विक स्टैंडर्ड तैयार करें  जो विभिन्न देशों की विविधता का सम्मान करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, दोस्तों, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आज की तकनीकी क्रांति में, हम प्रौद्योगिकी को मानव-केंद्रित आयाम देने का निरंतर प्रयास करें। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि क्रांति जिम्मेदार और टिकाऊ हो। आज हम जो मानक तय करेंगे, वही आगे चलकर हमारे भविष्य की दिशा निर्धारित करेंगे, इसलिए सुरक्षा, गरिमा और समानता के सिद्धांत हमारी चर्चा के केंद्र में होने चाहिए।