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15 अगस्त से पहले अंडमान-निकोबार को मिली बड़ी सौगात, पीएम मोदी ने कहा- टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर होगी पहचान

ये केबल चेन्नई से होते हुए स्वराज द्वीप, लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामरोता, ग्रेट निकोबार, लॉन्ग आइलैंड, रंगत में जाएगी। जिससे अंडमान निकोबार को तेज इंटरनेट मिल पाएगा।

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने आज चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक बिछाई गई सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल को देश को समर्पित किया। इसके जरिए अंडमान निकोबार के लोगों को तेज स्पीड इंटरनेट मिल पाएगा, इसके अलावा अन्य सात आइलैंड को भी ये फायदा पहुंचेगा। बता दें कि पीएम मोदी ने इसका शिलान्यास 2018 में ही कर दिया था। इसके तहत करीब 2300 किमी. लंबी केबल चेन्नई-पोर्ट ब्लेयर के बीच में बिछाई गई है।

modi andman nikobar

ये केबल चेन्नई से होते हुए स्वराज द्वीप, लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामरोता, ग्रेट निकोबार, लॉन्ग आइलैंड, रंगत में जाएगी। जिससे अंडमान निकोबार को तेज इंटरनेट मिल पाएगा।

लाइव अपडेट:

मुझे उम्मीद है, हमारे आज के प्रयास, इस दशक में अंडमान-निकोबार को, वहां के लोगों को, न सिर्फ नई सहूलियत देंगे बल्कि वर्ल्ड टूरिस्ट मैप में भी प्रमुख स्थान के तौर पर स्थापित करेंगे

आज जितना भी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर अंडमान निकोबार में तैयार हो रहा है, वो ब्लू इकॉनॉमी भी गति देगा। ब्लू इकॉनॉमी का एक अहम हिस्सा है Fisheries, Aquaculture और Sea Weed farming।

क बार जब ये पोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां बड़े-बड़े जहाज़ भी रुक पाएंगे। इससे समुद्री व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी, हमारे युवाओं को नए मौके मिलेंगे।

इसी तरह, East Coast में deep draft inner harbour के निर्माण का काम भी तेज़ी से चल रहा है। अब ग्रेट निकोबार में करीब 10 हज़ार करोड़ रुपए की संभावित लागत से Trans Shipment Port के निर्माण का प्रस्ताव है।

Port Infrastructure के विकास में जो कानूनी अड़चनें थीं, उन्हें भी निरंतर दूर किया जा रहा है। सरकार का ध्यान, समंदर में Ease of Business को Promote करने और Maritime Logistics को सरल बनाने पर भी है।

आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, Global Manufacturing Hub के रूप में, Global Supply और Value Chain के एक अहम प्लेयर के रूप में खुद को स्थापित करने में जुटा है, तब हमारे Waterways और हमारे Ports के नेटवर्क को सशक्त करना बहुत ज़रूरी है।

आने वाले समय में अंडमान निकोबार, Port Led Development के हब के रूप में विकसित होने वाला है। अंडमान निकोबार दुनिया के कई Ports से बहुत Competitive Distance पर स्थित है।

आइलैंड के बीच और बाकी देश से Water Connectivity की सुविधा को बढ़ाने के लिए कोची शिपयार्ड में जो 4 जहाज़ बनाए जा रहे हैं, उनकी डिलिवरी भी आने वाले कुछ महीनों में हो जाएगी।

अंडमान और निकोबार के 12 आइलैंड्स में High Impact Projects का विस्तार किया जा रहा है। मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी की एक बहुत बड़ी समस्या का समाधान तो आज हो चुका है। इसके अलावा रोड, एयर और वॉटर के ज़रिए फिजिकल कनेक्टिविटी को भी सशक्त किया जा रहा है।

हिंद महासागर हजारों वर्षों से भारत के व्यापारिक और सामरिक सामर्थ्य का सेंटर रहा है। अब जब भारत Indo-Pacific में व्यापार-कारोबार और सहयोग की नई नीति और रीति पर चल रहा है, तब अंडमान-निकोबार सहित हमारे तमाम द्वीपों का महत्व और अधिक बढ़ गया है।

आज अंडमान को जो सुविधा मिली है, उसका बहुत बड़ा लाभ वहां जाने वाले टूरिस्टों को भी मिलेगा। बेहतर नेट कनेक्टिविटी आज किसी भी टूरिस्ट डेस्टिनेशन की सबसे पहली प्राथमिकता हो गई है।

पीएम मोदी ने कहा कि, “ऑनलाइन पढ़ाई हो, टूरिज्म से कमाई हो, बैंकिंग हो, शॉपिंग हो या Tele-medicine दवाई हो, अब अंडमान निकोबार के हज़ारों परिवारों को भी ये ऑनलाइन मिल पाएंगी।”

अब अंडमान निकोबार के लोगों को भी मोबाइल कनेक्टिविटी और तेज इंटरनेट की वही सस्ती और अच्छी सुविधाएं मिल पाएगी, जिसके लिए आज पूरी दुनिया में भारत अग्रणी है।

अंडमान निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट, Ease of Living के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

हमारा समर्पण रहा है कि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े बॉर्डर एरिया और समुद्री सीमा से जुड़े क्षेत्रों का तेजी से विकास हो। अंडमान निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट, Ease of Living के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

देश के इतिहास, वर्तमान और भविष्य के लिए इतने महत्वपूर्ण स्थान को, वहां के परिश्रमी नागरिकों को आधुनिक टेलीकॉम कनेक्टिविटी देना देश का दायित्व था। एक बेहद समर्पित टीम के द्वारा, टीम भावना से आज एक पुराना सपना साकार हुआ है।

जितना बड़ा ये प्रोजेक्ट था, उतनी ही विराट चुनौतियां थीं। ये भी एक वजह थी कि बरसों से इस सुविधा की जरूरत महसूस होते हुए भी इस पर काम नहीं हो पाया था। लेकिन मुझे खुशी है कि सारी रुकावटों को किनारे करके, इस काम को पूरा किया गया।

समंदर के भीतर करीब 2300 किलोमीटर तक केबल बिछाने का ये काम समय से पहले पूरा करना, अपने आप में बहुत प्रशंसनीय है। गहरे समंदर में सर्वे करना, केबल की क्वालिटी मेनटेन रखना, विशेष जहाजों के जरिये केबल को बिछाना इतना आसान भी नहीं है।

पीएम ने कहा कि, “चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर, पोर्ट ब्लेयर से लिटिल अंडमान और पोर्ट ब्लेयर से स्वराज द्वीप तक, अंडमान निकोबार के एक बड़े हिस्से में ये सेवा आज से शुरु हो चुकी है। मैं अंडमान-निकोबार के लोगों को अनंत अवसरों से भरी इस कनेक्टिविटी के लिए बधाई देता हूं।”

उन्होंने कहा कि, नेता जी सुभाषचंद्र बोस को नमन करते हुए, करीब डेढ़ वर्ष पहले मुझे Submarine Optical Fibre Cable Connectivity परियोजना के शुभारंभ का अवसर मिला था। मुझे खुशी है कि अब इसका काम पूरा हुआ है और आज इसके लोकार्पण का भी सौभाग्य मुझे मिला है।

पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि, “आज का दिन अंडमान-निकोबार के दर्जनों द्वीपों में बसे लाखों साथियों के लिए तो अहम है ही, पूरे देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। नेता जी सुभाषचंद्र बोस को नमन करते हुए, करीब डेढ़ वर्ष पहले मुझे सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टिविटी परियोजना के शुभारंभ का अवसर मिला था।”