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PM Modi On tunnel Collapse: सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के बचाव कार्य पर पीएम मोदी की नजर, सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर ली ताजा स्थिति की जानकारी

इससे पहले मजदूरों तक सुरंग में गिरे मलबे को काटकर डाली गई पाइपलाइन के जरिए कैमरा भेजा गया था। इस कैमरे में सभी 41 मजदूरों को देखा गया। मजदूर ठीक हालत में हैं। पहले सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों तक पहले बिछाई गई पानी की पाइपलाइन के जरिए थोड़ा बहुत खाना और ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी।

देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा सुरंग में बीते 10 दिन से फंसे 41 मजदूरों को हर हाल में सकुशल निकालने के काम पर पीएम नरेंद्र मोदी भी लगातार नजर बनाए हुए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज सुबह भी उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को फोन कर मजदूरों को निकालने के लिए सिलक्यारा सुरंग में चल रहे बचाव कार्य की जानकारी ली है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसकी जानकारी खुद दी। सीएम धामी के अनुसार उन्होंने पीएम मोदी को बताया है कि किस तरह सिलक्यारा सुरंग में मलबे को काटकर 6 इंच की पाइप डाली गई है और मजदूरों को उससे भोजन-पानी और जरूरी चीजें सप्लाई की जा रही हैं। पहले लगातार पीएम मोदी मजदूरों के बचाव के लिए सीएम धामी से ताजा काम की जानकारी लेते रहे हैं।

इससे पहले मजदूरों तक सुरंग में गिरे मलबे को काटकर डाली गई पाइपलाइन के जरिए कैमरा भेजा गया था। इस कैमरे में सभी 41 मजदूरों को देखा गया। मजदूर ठीक हालत में हैं। पहले सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों तक पहले बिछाई गई पानी की पाइपलाइन के जरिए थोड़ा बहुत खाना और ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी। 6 इंच की पाइपलाइन डाले जाने के बाद उनको सोमवार से खिचड़ी और अन्य खाने की चीजें, मोबाइल चार्जर वगैरा पहुंचाए गए। मजदूरों का वीडियो सामने आने के बाद उनकी सकुशलता के बारे में जानकारी मिलने से काफी राहत मिली है। मजदूरों को जल्दी ही निकालने की पूरी तैयारी की गई है और सुरंग के ऊपर से भी डेढ़ फुट का रास्ता बनाने की कोशिश हो रही है। अगर इसमें सफलता मिल गई, तो मजदूरों को बुधवार तक सिलक्यारा सुरंग से निकालने में सफलता मिल सकती है।

हालांकि, इस सारे घटनाक्रम में ये सवाल उठ रहा है कि जब इतनी लंबी सुरंग बनाई जा रही थी, तो हादसे की आशंका को ध्यान में रखते हुए नवोदय इंजीनियरिंग कंपनी की तरफ से वहां एस्केप टनल क्यों नहीं बनाई गई। इस बारे में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी मीडिया ने सवाल पूछा था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था। बहरहाल, एस्केप टनल न बनाए जाने और हादसे की वजह का पता तो जांच में ही चलेगा, लेकिन फिलहाल सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूरों को सकुशल निकालने पर ही सबका फोकस है।