नई दिल्ली। पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट मामले में पुलिस ने आज आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल और पिता विशाल अग्रवाल पर अपने ड्राइवर को धमकाने और उसके अपहरण करने का आरोप है। सुरेंद्र अग्रवाल ने अपने ड्राइवर गंगाराम को धमकी देते हुए ड्राइवर को यह बयान देने के लिए मजबूर किया था कि दुर्घटना के दौरान कार वो चला रहा था। इस संबंध में ड्राइवर गंगाराम की ओर से शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद सुरेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। ड्राइवर गंगाराम के मुताबिक हादसे के बाद आरोपी के दादा और पिता ने ड्राइवर का फोन जब्त कर लिया और उसे 20 मई तक अपने बंगले में कैद रखा। घटना की जिम्मेदारी खुद पर लेने के लिए आरोपी के परिवार ने ड्राइवर को पैसों का लालच भी दिया। आरोपी परिवार ने ड्राइवर से कहा कि वो लोग उसे जल्दी ही जेल से बाहर निकाल लेंगे।
इससे पहले शुक्रवार को पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया था कि इस केस की जांच अब क्राइम ब्रांच करेगी। येरवड़ा थाना पुलिस ने क्राइम ब्रांच को केस ट्रांसफर कर दिया है। वहीं, इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में कल ही येरवड़ा थाने के इंस्पेक्टर राहुल जगदाले और एएसआई विश्वनाथ टोडकरी को सस्पेंड कर दिया गया है। दोनों ने घटना की रात वरिष्ठ अधिकारियों को हादसे की जानकारी नहीं दी थी। उधर, आरोपी नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल समेत इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को पुणे की एक विशेष अदालत ने सात जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जबकि नाबालिग आरोपी को बाल सुधार गृह में भेजा गया है। पुलिस ने नाबालिग पर बालिग की तरह केस चलाने की हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है।