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Police Opened Temple Closed For 46 years In Sambhal : संभल में 46 सालों से बंद मंदिर का पुलिस ने खुलवाया ताला, प्राचीन कुआं भी मिला

Police Opened Temple Closed For 46 years In Sambhal : एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र, सीओ अनुज कुमार चौधरी ने अपने हाथों से बजरंग बली की मूर्ति और शिवलिंग पर जमी धूल की परत को साफ किया और घंटी बजाई। यह मंदिर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मोहल्ले दीपा सराय में स्थित है जहां पिछले दिनों हिंसा भड़की थी। दूसरे धर्म के लोगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा करके इस मंदिर को बंद कर दिया गया था।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के संभल में पुलिस ने 46 साल से बंद पड़े एक मंदिर का ताला खुलवाया। इस दौरान एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र, सीओ अनुज कुमार चौधरी ने अपने हाथों से बजरंग बली की मूर्ति और शिवलिंग पर जमी धूल की परत को साफ किया और घंटी बजाई। ऐसा बताया जा रहा है कि दूसरे धर्म के लोगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा करके इस मंदिर को बंद कर दिया गया था। जैसे ही पुलिस मंदिर का ताला खुलवाकर अंदर पहुंची वहां मौजूद हिंदुओं ने जय श्रीराम  के नारे लगाने शुरू कर दिए। यह मंदिर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मोहल्ले दीपा सराय में स्थित है जहां पिछले दिनों हिंसा भड़की थी।

संभल नगर हिंदू सभा के संरक्षक विष्णु शरण रस्तोगी का दावा है कि 1978 के बाद आज मंदिर को दोबारा खोला गया है। वहीं मंदिर के पास ही एक प्राचीन कुआं भी मिला है। पुलिस प्रशासन की कार्रवाई के दौरान स्थानीय नागरिकों ने कुएं की मौजूदगी का खुलासा किया। इसके बाद कुएं की खुदाई के लिए नगर पालिका की जेसीबी बुलाई गई। ऊपर से जमा मलबा हटाए जाने पर प्राचीन कुएं का पता चला। एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र का कहना है कि कुछ लोगों ने मकान बनाकर मंदिर पर कब्जा कर लिया था। मंदिर की साफ-सफाई करा दी गई है। मंदिर में शिवलिंग और भगवान हनुमान की मूर्ति मिली है। पहले इस क्षेत्र में हिंदू परिवार रहते थे और कुछ कारणों से उन्होंने यह क्षेत्र छोड़ दिया।

संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि जब हम इलाके में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे थे, तो हमें एक मंदिर मिला, जिस पर अतिक्रमण किया गया था। हम मंदिर की साफ-सफाई करा रहे हैं और प्राचीन कुएं पर एक रैंप का निर्माण किया गया था, जब हमने रैंप को हटवाया तो उसके नीचे कुआं मिला। डीएम ने कहा कि इस इलाके में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। यह मंदिर हिंदुओं को सौंप दिया जाएगा और मंदिर पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एएसआई को यह पता लगाने के लिए बोला जाएगा कि यह मंदिर कितना प्राचीन है।