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Delhi Pollution: दिल्ली की जहरीली हवा पर नहीं थम रही सियासत, अब मनोज तिवारी ने CM केजरीवाल को लिखा लेटर, लगाए ये आरोप

Delhi Pollution: मनोज तिवारी ने इसके अलावा भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर भी केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार लगातार यही राग अलाप रही है कि उन्हें बीजेपी अपनी साजिश का हिस्सा बनाकर फंसाने की कोशिश कर रही है, तो मैं इसके जवाब में यही कहना चाहता हूं कि अगर उन्हें लगता है कि वो निर्दोष हैं, तो जांच का सामना करने से क्यों डर रहे हैं।

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। लोगों का सांस लेना तक दुभर हो चुका है। यहां तक की हाईकोर्ट ने भी चिंता व्यक्त कर केजरीवाल सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। निसंदेह, यह शासन के कुप्रबंधन का ही नतीजा है कि चौतरफा जहरीली बयार बह रही है। बुजुर्गों और नौनिहालों का सांस लेना तक दुभर है। उधर, कोर्ट से फटकार खाने के बावजूद भी केजरीवाल सरकार कोई गंभीरता नहीं दिखा रही है। वहीं, राजनीति अलग से जारी है। अब बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर उन पर कई आरोप मढ़े हैं। आखिर क्या है पूरा माजरा? जानने के लिए पढ़िए हमारी ये खास रिपोर्ट।

दरअसल, बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने सीएम केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में मौजूदा वायु प्रदूषण को दिल्ली सरकार के कुप्रबंधन का नतीजा बताया है। इसके अलावा पत्र में केजरीवाल सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया गया है। तिवारी ने अपने पत्र में कहा है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण से आम लोगों का जीना दुभर हो चुका है, लिहाजा इस गंभीर मसले पर राजनीति करने के बजाए हम सभी को एकजुट होकर इसके निदान की दिशा में कार्य करना होगा। पत्र में आगे कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा जनता के हितों पर कुठाराघात करना अब उनका वार्षिक कार्य बन चुका है। वायु प्रदूषण की वजह से दिल्लीवासियों को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझना पड़ता है, लेकिन अफसोस केजरीवाल सरकार का रवैया संवेदनहीन रहता है। प्रदूषण की वजह से दिल्ली में रहने वाले लोगों की आयु 12 साल कम हो चुकी है। तिवारी ने आगे अपने लेटर में लिखा है कि वायु प्रदूषण की वजह से सबसे ज्यादा बुजुर्ग और बच्चे प्रभावित होते हैं। सभी अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं की पूर्ति करने के लिए जनमानस के हितों पर कुठाराघात करने पर आमादा हो चुके हैं।

वहीं, मनोज तिवारी ने इसके अलावा भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर भी केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार लगातार यही राग अलाप रही है कि उन्हें बीजेपी अपनी साजिश का हिस्सा बनाकर फंसाने की कोशिश कर रही है, तो मैं इसके जवाब में यही कहना चाहता हूं कि अगर उन्हें लगता है कि वो निर्दोष हैं, तो जांच का सामना करने से क्यों डर रहे हैं। बता दें कि बीते 30 अक्टूबर को नई आबकारी नीति मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को समन जारी किया गया था। ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वो नहीं पहुंचे थे, जिस पर बीजेपी ने निशाना साधा था। ध्यान दें, नई आबकारी नीति मामले में अब तक आप के तीन बड़े नेता सलाखों के पीछे हैं, जिसमें सबसे पहला नाम पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और अभी हाल ही में आप सांसद संजय सिंह गिरफ्तार हुए हैं। वहीं, जांच की आंच केजरीवाल तक जा पहुंची है। बीते दिनों ईडी ने उन्हें समन जारी किया था, लेकिन वो पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे थे। अब ऐसे में देखना होगा कि इस पूरे मुद्दे को लेकर ईडी की ओर से इस पूरे मुद्दे पर क्या कुछ कदम उठाया जाता है।

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उधर, आप का आरोप है कि बीजेपी अपनी साजिशों को आधार बनाकर केजरीवाल सरकार के राजनीतिक विस्तार पर विराम लगाना चाहती है। आप ने कहा कि पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष होने जा रहे लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के संभावित वर्चस्व को कुचलने के लिए केंद्र सरकार अब जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने पर आमादा हो चुकी है।