
पटना/ग्वालियर। बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के बाद अब सियासत गरमा गई है। कांग्रेस और जेडीयू समेत विपक्ष के तमाम दल इसे ऐतिहासिक बता रहे हैं। वहीं, बीजेपी की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी ने किसी का नाम न लिए बगैर निशाना साधा है। इन सबके बीच, जातिगत जनगणना की रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में 9 दलों को न्योता दिया गया है। नीतीश कुमार ने कहा कि इस बैठक में सबकी राय लेकर तय होगा कि जातिगत जनगणना की रिपोर्ट के बाद आगे क्या कदम उठाना है।
उधर, बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट आई, तो सोमवार को ग्वालियर में जनसभा के दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर जाति की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने जाति के नाम पर देश को विभाजित करने की कोशिश को पाप कहा। मोदी ने विपक्ष के बारे में कहा कि सत्ता में रहते वे विकास नहीं करा सके। पीएम ने कहा कि विपक्ष तब भी गरीबों की भावनाओं के साथ खेलता था और अब भी वे खेल रहे हैं। मोदी ने आगे कहा कि विपक्ष ने देश को जाति के नाम पर बांटा और आज भी वे देश को जाति के नाम पर बांट रहे हैं। पहले वे भ्रष्टाचारी थे, लेकिन आज ज्यादा भ्रष्टाचार कर रहे हैं। मोदी के इस बयान से साफ है कि आज नीतीश कुमार ने जो सर्वदलीय बैठक बुलाई है, उसमें बीजेपी जातिगत जनगणना के खिलाफ अपनी राय रखेगी। बीजेपी पहले ही कह रही है कि इस जनगणना के आंकड़ों में झोल है।
बिहार में जातिगत जनगणना की जो रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक वहां 63 फीसदी ओबीसी है। इनमें 36 फीसदी अति पिछड़ा वर्ग है। मुस्लिमों की आबादी 17 फीसदी बताई गई है। सवर्ण 81 फीसदी के करीब हैं। जबकि एससी की आबादी काफी कम है। यादव की आबादी जातिगत जनगणना की रिपोर्ट में 10 फीसदी से ज्यादा बताई गई है।