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Delhi Pollution: दिवाली से पहले दिल्ली में जबरदस्त प्रदूषण, एक्यूआई बढ़कर 336 पर पहुंचा, आज से GRAP 2 के नियम लागू

दिल्ली सरकार का इरादा है कि बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग अपनी गाड़ियों की जगह सार्वजनिक परिवहन मसलन बस और मेट्रो ट्रेनों का इस्तेमाल करें। ग्रैप 2 के तहत दिल्ली में डीजल जेनरेटर भी इस्तेमाल नहीं हो सकेंगे। सांस और दिल की बीमारियों से ग्रस्त लोगों को बाहर न निकलने के लिए कहा गया है।

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में आबोहवा बहुत खराब है। एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूवाई आज 336 पर पहुंच गया। दिवाली से पहले ही प्रदूषण को लगातार बढ़ता देखकर दिल्ली सरकार ने राजधानी में आज से ग्रैप GRAP 2 लागू करने का एलान किया है। दिल्ली में रहने वालों और बाहर से आने वालों को इन नियमों को मानना होगा। ग्रैप 2 लागू होने से अब दिल्ली में अन्य राज्यों मसलन यूपी, हरियाणा, पंजाब राजस्थान, हिमाचल प्रदेश वगैरा की डीजल बसों को एंट्री नहीं मिलेगी। दिल्ली में ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों पर भी रोक लगाई गई है। दिल्ली में अब सिर्फ बीएस-6 वाली डीजल बसों को ही घुसने की मंजूरी मिलेगी। सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों पर ग्रैप 2 के नियम लागू नहीं होंगे। क्योंकि इनसे कतई प्रदूषण नहीं होता है। ग्रैप 2 के लागू होने से दिल्ली के लोगों को भी अपनी गाड़ियों की पार्किंग के लिए ज्यादा रेट चुकाने होंगे।

दिल्ली सरकार का इरादा है कि बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग अपनी गाड़ियों की जगह सार्वजनिक परिवहन मसलन बस और मेट्रो ट्रेनों का इस्तेमाल करें। ग्रैप 2 के तहत दिल्ली में डीजल जेनरेटर भी इस्तेमाल नहीं हो सकेंगे। इसके अलावा सांस और दिल की बीमारियों से ग्रस्त लोगों को भी बाहर न निकलने का सुझाव दिल्ली सरकार ने दिया है। दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने पिछले दिनों कहा था कि एनसीआर इलाके में पूरी तरह बीएस-4 तक की गाड़ियों पर रोक लगाने की जरूरत है। दिल्ली के आसपास के राज्यों में अभी भी पुरानी डीजल बसें चलती हैं। इसकी वजह से प्रदूषण फैलता है। वहीं, पंजाब, हरियाणा और यूपी के पश्चिमी हिस्से में पराली जलाने की घटनाओं से भी दिल्ली में जमकर प्रदूषण होता है। प्रदूषण रोकने के लिए पहले ही दिल्ली सरकार ने पिछली बार की तरह इस बार भी दिवाली पर पटाखे जलाने पर रोक लगा दी है।

दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण पहले सरकार ने ग्रैप 1 लागू किया था। इसके तहत 500 वर्ग मीटर के भूखंड पर निर्माण या तोड़फोड़ रोकने के आदेश हैं। सिर्फ उन्हीं भूखंडों में निर्माण या तोड़फोड़ की जा सकती है, जो धूल रोकने के उपाय की निगरानी के तहत आते हैं। प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार औद्योगिक इकाइयों और कोयले से चलने वाले बिजलीघरों को भी बंद करने के आदेश दिए गए थे। 300 किलोमीटर के दायरे में ये आदेश लागू हैं। दिल्ली में होटल, रेस्तरां वगैरा में लकड़ी जलाकर भोजन पकाने पर भी रोक के आदेश ग्रैप 1 के तहत हैं।