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Modi On Corruption: ‘गरीब और हाशिए पर पहुंचे लोग होते हैं भ्रष्टाचार का सबसे ज्यादा शिकार’, जी-20 देशों की बैठक में बोले पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के साथ ही भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ बड़ी जंग का एलान किया था। मोदी सरकार ने इसके लिए स्विटजरलैंड और अन्य टैक्स हेवेन देशों से आंकड़े जुटाए और फिर देश में भ्रष्टाचार और काली कमाई करने वालों पर शिकंजा कसा। जिसका शानदार नतीजा भी दिख रहा है।

कोलकाता। पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार पर हर तरह से नकेल कस रही है। जी-20 की भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रीस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार का सबसे ज्यादा असर गरीबों और हाशिये पर पहुंचे लोगों पर पड़ता है। कोलकाता में हो रही जी-20 की मंत्रीस्तरीय बैठक को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने आर्थिक अपराध कर भगोड़ा बनने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाए हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार से मुकाबला करना हम सभी की जिम्मेदारी है। सभी मिलकर काम करें, तो भ्रष्टाचार को खत्म करना संभव है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के साथ ही भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ बड़ी जंग का एलान किया था। मोदी सरकार ने इसके लिए स्विटजरलैंड और अन्य टैक्स हेवेन देशों से आंकड़े जुटाए और फिर देश में भ्रष्टाचार और काली कमाई करने वालों पर शिकंजा कसा। बैंकों से लिए गए लोन को वापस न कर विदेश भागने वाले विजय माल्या और नीरव मोदी सरीखे बड़े नामचीन लोगों के भी प्रत्यर्पण की कार्यवाही मोदी सरकार ने शुरू कराई। इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट को मजबूत कर आर्थिक अपराध करने वालों और भ्रष्टाचारियों पर भी शिकंजा और कस दिया गया।

vijay mallya and nirav modi
विजय माल्या और नीरव मोदी का प्रत्यर्पण मोदी सरकार करा रही है।

मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट का ही कमाल है कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी आए दिन भ्रष्टाचार करने वालों और काला धन रखने वालों पर कार्रवाई करता दिखता है। इनमें देश के बड़े नेताओं पर हो रही कार्रवाई भी शामिल है। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों को इतना कड़ा किया गया है कि आरोपी को जल्दी जमानत भी नहीं मिलती। इसके अलावा पुराने मामलों को भी फिर से खोला जा रहा है और आरोपियों के खिलाफ अदालत में सीबीआई और ईडी आरोपपत्र भी लगातार दाखिल कर रहे हैं। मोदी सरकार के कठोर कानून के खिलाफ कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी दी थी, लेकिन कोर्ट ने इसमें कोई भी हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।