newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Newsclick Case: न्यूजक्लिक के संपादक प्रवीर पुरकायस्थ और एचआर हेड 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजे गए, चीन से फंडिंग लेने के आरोप में यूएपीए के तहत हुई है गिरफ्तारी

न्यूजक्लिक वेबसाइट के कर्ताधर्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका में रह रहे नेविले रॉय सिंघम के जरिए चीन से पैसा लिया और भारत विरोधी लेख छापे। चीन के पक्ष में माहौल बनाने का आरोप भी न्यूजक्लिक के कर्ताधर्ताओं पर स्पेशल सेल ने लगाया है। साजिश रचने का भी पुलिस ने आरोप जड़ा है।

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने न्यूजक्लिक वेबसाइट के संस्थापक और संपादक प्रवीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने प्रवीर पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को मंगलवार को गिरफ्तार किया था। स्पेशल सेल ने न्यूजक्लिक वेबसाइट को चीन से फंडिंग के मामले में आतंकवाद निरोधक कानून यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है। स्पेशल सेल ने न्यूजक्लिक के दफ्तर समेत इसमें काम करने वाले और लेख लिखने वाले पत्रकारों के घरों पर छापे मारे थे। मंगलवार को दिल्ली, गुड़गांव और गाजियाबाद के अलावा मुंबई मिलाकर करीब 30 जगह छापेमारी की गई थी।

Neville Roy Singham pic
अमेरिका में रहने वाले नेविले रॉय सिंघम के जरिए चीन से पैसा लेने का न्यूजक्लिक कर्ताधर्ताओं पर आरोप है।

न्यूजक्लिक वेबसाइट के कर्ताधर्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका में रह रहे नेविले रॉय सिंघम के जरिए चीन से पैसा लिया और भारत विरोधी लेख छापे। चीन के पक्ष में माहौल बनाने का आरोप भी न्यूजक्लिक के कर्ताधर्ताओं पर स्पेशल सेल ने लगाया है। इसके अलावा दो समुदायों में वैमनस्य बढ़ाने और साजिश रचने का आरोप भी वेबसाइट पर है। यूएपीए के तहत केस दर्ज होने से प्रवीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने न्यूजक्लिक के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ 2021 में केस दर्ज किया था। न्यूजक्लिक पर चीन से पैसा लेकर इसे कुछ पत्रकारों और एक्टिविस्ट को देने का भी आरोप है।

newsclick logo

न्यूजक्लिक ने नेविले रॉय सिंघम के जरिए चीन से पैसा लिया, इसका खुलासा कुछ दिन पहले अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने किया था। इसके बाद से ही न्यूजक्लिक पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा था। न्यूजक्लिक के कर्ताधर्ताओं और इसमें काम करने और लेख लिखने वाले पत्रकारों ने हालांकि इस आरोप को गलत बताया। वहीं, दिल्ली पुलिस सूत्रों का दावा है कि आरोप के समर्थन में कई इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिले हैं। जबकि, सरकारी सूत्रों के मुताबिक पुलिस का ताजा एक्शन अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटने की कार्रवाई नहीं है, बल्कि भारत की संप्रभुता अक्षुण्ण रखने का मामला है।