नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानून (New Farm laws) के विरोध में किसानों का आंदोलन सोमवार को लगातार पांचवें दिन भी जारी है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे प्रदर्शनकारी किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसान नेताओं ने बताया कि विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की कोर कमेटी की थोड़ी देर में बैठक होने वाली है जिसमें आगे की रणनीति तय होगी। इस बीच केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravishankar Prasad) ने सोमवार को ट्विटर के जरिए कृषि कानून पर सरकार का पक्ष रखा।
रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर लिखा, ‘नए कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है, जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर।’
नए कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियाँ पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है। जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पायेगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर। #FarmBills pic.twitter.com/xRi35CkOTs
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) November 30, 2020
इसके अलावा कृषि कानून पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने भी सोमवार को ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज़्यादा MSP पर बेचा। MSP भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है।
कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज़्यादा #MSP पर बेचा। MSP भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है।
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 30, 2020