पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को निधन से पहले मिल रही थीं ये सुविधाएं
पूर्व राष्ट्रपति(Ex President) प्रणब मुखर्जी(Pranab Mukharjee) को मिलने वाली सुविधाओं में बंगले के अलावा कुछ और भी सुविधाएं मिल रही थीं। उनकी पेंशन की बात करें तो राष्ट्रपति पद से रिटायर होने के बाद उन्हें हर महीने 75,000 रुपए की पेंशन मिलती रही।
नई दिलली। सोमवार को 84 साल की उम्र में देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया। मंगलवार को पीएम मोदी(PM Modi) और देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(Ramanth Kovind) ने उनके आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रणब मुखर्जी(Pranab Mukharjee) 10, राजाजी मार्ग पर रह रहे थे, जो उन्हें राष्ट्रपति(President) का कार्यकाल पूरा होने के बाद मिला था। इसी बंगले में उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भी रहे थे।
पूर्व राष्ट्रपति को मिलने वाली सुविधाओं में बंगले के अलावा कुछ और भी सुविधाएं मिल रही थीं। उनकी पेंशन की बात करें तो राष्ट्रपति पद से रिटायर होने के बाद उन्हें हर महीने 75,000 रुपए की पेंशन मिलती रही। ये राष्ट्रपति पद के दौरान मिलने वाली तनख्वाह से लगभग आधी रकम है। इसके अतिरिक्त भी कई दूसरे पर्क्स पूर्व राष्ट्रपति होने के नाते उन्हें मिलते रहे थे। इनमें दो टेलीफोन, एक मोबाइल फोन और एक कार, वो भी ड्राइवर समेत मुहैया कराई जाती है।
वहीं जिस बंगले में प्रणब दा रह रहे थे, उसकी बात करें तो 10 राजाजी मार्ग का बंगला ओएक दुमंजिला बंगला है, जो करीब 11,776 स्क्वायर फुट में फैला हुआ है। बता दें कि देश के पूर्व राष्ट्रपतियों के आवास की व्यवस्था निःशुल्क होती है। साथ ही आवास के साथ बिजली-पानी जैसी सुविधाएं भी मुफ्त होती हैं। ये नियम प्रेसिडेंट्स पेंशन रूल 1962 के तहत आता है। इसी के मुताबिक प्रणब मुखर्जी राजाजी मार्ग के बंगले में रह रहे थे।
प्रणब दा किताबों के शौकीन थे, इसको ध्यान में रखते हुए बंगले में एक विशाल लाइब्रेरी और साथ ही राष्ट्रपति के मेहमानों के पढ़ने के लिए भी अटैच्ड रीडिंग स्पेस बना हुआ है। साथ ही बंगले के चारों ओर काफी बड़ा बगीचा है, जिसका लगातार रखरखाव होता रहता है और मौसमी फल-फूलों के लिए माली तैनात किए जाते हैं। हालांकि कहीं भी बंगले के भीतरी कमरों का जिक्र नहीं मिलता है, लेकिन ये तय है कि ब्रिटिश राज के दौरान तैयार होने के कारण इसकी सजावट उसकी काल की है। बंगले के कमरों की ऊंची सीलिंग है, इसपर हर नए पूर्व राष्ट्रपति के आने से पहले रंग-रोगन होता है और परदे और फर्नीचर बदले जाते हैं।
चूंकि पूर्व राष्ट्रपति के पास भी कई राजनैतिक संपर्क और मुलाकातें होती हैं। लिहाजा इसे ध्यान में रखते हुए President Emoluments Act के तहत पूर्व राष्ट्रपति को सेक्रेटरिएल स्टाफ समेत ऑफिस खर्चों के लिए अलग से 60 हजार रुपए मिलते हैं। ये खर्च मेडिकल के खर्च से अलग है। इसमें राष्ट्रपति और उनपर निर्भर लोगों (जैसे पति-पत्नी या बच्चे) को मुफ्त इलाज मिलता है। साथ ही अगर राष्ट्रपति चाहे तो देशभर में कहीं भी हवाई खर्चे पर किसी एक स्टाफ या परिवार के एक सदस्य को लेकर यात्रा कर सकता है। ये यात्राएं कितनी भी बार हो सकती हैं।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक्ट के तहत पांच स्टाफर दिए गए थे। इनमें एक प्राइवेट सेक्रेटरी, एक पर्सनल असिस्टेंट और दो चपरासी हैं। साथ ही एक अतिरिक्त स्टाफ था। इन तमाम सुविधाओं के साथ पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की होती है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के मामले में भी दिल्ली पुलिस के सिपाही चौबीसों घंटे उनकी सुरक्षा में तैनात रहते रहे।
प्रणब मुखर्जी ने जुलाई 2012 में भारत के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी। वह 25 जुलाई 2017 तक इस पद पर रहे थे। प्रणब मुखर्जी को 26 जनवरी 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 11 दिसम्बर 1935, को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में प्रणब मुखर्जी का जन्म हुआ था। उनके पिता 1920 से ही कांग्रेस पार्टी में सक्रिय थे। मुखर्जी के पिता एक सम्मानित स्वतन्त्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन की खिलाफत के परिणामस्वरूप 10 वर्षो से अधिक जेल की सजा भी काटी थी।