नई दिल्ली। बाबा शिव की नगरी वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों को अब अलग तरह से बनाया गया प्रसाद मिलेगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम ट्रस्ट द्वारा आज दशहरे के दिन से नई प्रसादम व्यवस्था शुरू की गई है। शास्त्रों में लिखित प्रक्रियाओं के आधार पर चावल के आटे में भगवान को चढ़ाए गए बेलपत्र को मिलाकर लड्डू तैयार किए गए हैं। अब से भोलेनाथ को पौरणिक विधि से तैयार इन्हीं लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा और यही प्रसाद में मिलेंगे। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर प्रसादम विवाद के बाद काशी विश्ननाथ ट्रस्ट की ओर से यह फैसला लिया गया है।
Varanasi
काशी विश्वनाथ धाम में नई प्रसादम की व्यवस्था शुरूचावल के आटे और बेलपत्र से बने लड्डू ने लिया प्रसादम का रूप #Prasadam #KashiVishwanathMandir pic.twitter.com/wbAxKl2U6O
— अजयेंद्र राजन शुक्ल / Ajayendra Rajan Shukla 🇮🇳 (@AjayendraRS) October 12, 2024
इस संबंध में ज्यादा जानकारी देते हुए वाराणसी के आयुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि आज विजयादशमी पर्व पर हम एक कार्यक्रम की घोषणा करते हुए उत्साहित हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में ही बना प्रसाद अब से भक्तों को मिलेगा। लगभग आठ से दस महीने पहले, काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा निर्णय लिया था, शिव जी ऊपर अर्पित होने वाली शास्त्रार्थ प्रक्रियाओं के अनुसार ध्यान केंद्रित करते हुए, शास्त्रों में उल्लिखित प्रक्रियाओं के आधार पर प्रसाद बनाएं। चार से पांच महीनों तक अध्ययन के बाद शिव को चढ़ाए जाने वाले चीजों की पहचान करने के लिए विभिन्न ग्रंथों का उपयोग करके अनुसंधान किया गया।
UP: Kausal Raj Sharma, Commissioner of Varanasi, says, “On this Vijayadashami, we are excited to announce a significant event: the launch of a standardized prasadam recipe at the Kashi Vishwanath Temple. Approximately eight to ten months ago, the Kashi Vishwanath Trust decided to… pic.twitter.com/R6LTP8Fd1W
— IANS (@ians_india) October 12, 2024
आयुक्त ने बताया इस शोध के बाद, हमने विभिन्न सामग्रियों का चयन किया, उनका निर्धारण किया पिछले तीन से चार महीनों में लगभग चालीस से पचास प्रकार के अलग-अलग नमूने तैयार करने के बाद इस नए प्रसाद को तैयार करने का निर्णय लिया गया है। इसमें मुख्य रूप से चावल के आटे में भगवान को चढ़ाए गए बेलपत्रों को मिलाकर यह लड्डू बनाए गए हैं। इसमें क्वालिटी मेंटेन करने के लिए अमूल का योगदान लिया जाएगा। सात्विक तरीके से लड्डू बनाए जाएंगे और लड्डू को बनाने के लिए सिर्फ हिंदू धर्म के लोगों की सेवा ली जाएगी।