newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

PK Slams Nitish: ‘मुख्यमंत्री बनके खुद को चालाक समझते हैं…मैं दलाली नहीं करता’, प्रशांत किशोर का नीतीश कुमार पर निशाना

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ PK ने एक बार फिर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। इस बार प्रशांत ने नीतीश को आड़े हाथ लिया है। 3500 किलोमीटर की ‘जन सुराज यात्रा’ निकाल रहे प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि नीतीश खुद को बहुत चालाक समझते हैं। प्रशांत ने ये भी कहा कि वो दलाली नहीं करते।

पटना। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ PK ने एक बार फिर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। इस बार प्रशांत ने नीतीश को आड़े हाथ लिया है। 3500 किलोमीटर की ‘जन सुराज यात्रा’ निकाल रहे प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि नीतीश खुद को बहुत चालाक समझते हैं। प्रशांत ये भी खुलासा किया कि नीतीश कुमार ने एक बार फिर जेडीयू ज्वॉइन करने का ऑफर दिया था, लेकिन उसे उन्होंने ठुकरा दिया। प्रशांत ने कहा, ‘मुख्यमंत्री बनके बहुत होशियार बन रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में हारने के बाद नीतीश मुझसे दिल्ली में मिले थे। वो तब मदद की गुहार लगा रहे थे। मैंने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव जीतने में उनकी मदद की। आज वो मुझे ज्ञान देते हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि आप सबने मीडिया के जरिए जाना होगा कि नीतीश कुमार ने मुझे 10-15 दिन पहले अपने आवास बुलाया था। उन्होंने मुझसे जेडीयू की अगुवाई करने के लिए कहा, लेकिन ये संभव नहीं है। मैंने जो प्रण किया है कि किसी पद पर नहीं रहूंगा, उसे पूरा करना है। प्रशांत ने कहा कि मैं डॉक्टर का बेटा हूं। अपने गृह राज्य (बिहार) में काम करने की कोशिश कर रहा हूं। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह पर भी प्रशांत किशोर ने निशाना साधा। प्रशांत ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं मुझे पदयात्रा के खर्च के लिए रकम कहां से मिल रही है, वे ये जान लें कि मैंने कभी दलाली नहीं की है। मैं आज लोगों से चंदा मांग रहा हूं, लेकिन पहले कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया।

Prashant Kishor

बता दें कि पिछले दिनों नीतीश ने प्रशांत के बारे में कहा था कि उनको बिहार की सियासत का ए, बी, सी, डी नहीं पता है। इसके बाद नीतीश ने प्रशांत से मुलाकात की थी। प्रशांत ने पहले भी नीतीश के ऑफर को दरकिनार कर दिया था। हालांकि, साल 2018 में नीतीश कुमार ने प्रशांत को जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था। बाद में सीएए कानून के मामले में दोनों में अनबन हुई और प्रशांत ने जेडीयू को अलविदा कह दिया था।