नई दिल्ली। चंद्रयान-3 की अभूतपूर्व सफलता से उत्साहित इसरो वैज्ञानिक अब सू्र्य की ओर बढ़ने की तैयारी कर चुके हैं। आज इसी कड़ी में सूर्ययान लॉन्च किया गया। सूर्ययान मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना है। हालांकि, भारत सूर्ययान लॉन्च कराने वाला कोई पहला देश नहीं है, बल्कि इससे पहले भी कई देश इस मिशन को लॉन्च कर चुके हैं, लेकिन कई मायनों में भारत का सूर्ययान अलहदा है। सर्वप्रथम आदित्य एल-1 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसरो ने इसे पहला अंतरिक्ष आधारित वेधशाला श्रेणी का भारतीय सौर मिशन कहा है। वहीं, सूर्ययान कैसा रहता है? आगे के लिए इसकी राह कैसी रहती है? इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी? लिहाजा इस मिशन की हर गतिविधि से रूबरू होने के लिए आप बने रहिए। न्यूज रूम पोस्ट के लाइव ब्लॉग के साथ।
LIVE UPDATE: –
श्रीहरिकोटा से आदित्य एल-1 को लेकर इसरो के पीएसएलवी रॉकेट के उड़ान भरने के दौरान भीड़ ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।
#WATCH | Crowd chants ‘Bharat Mata Ki Jai’ as ISRO’s PSLV rocket carrying Aditya L-1 lifts off from Sriharikota pic.twitter.com/5uI6jZfLvJ
— ANI (@ANI) September 2, 2023
आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण के बाद, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार, श्रीहरिकोटा में एकत्र हुए लोगों का कहना है, “हम इसे देखने के लिए मुंबई से आए हैं। यह हमारे लिए एक अविस्मरणीय क्षण था। यह (आदित्य एल-1) जा रहा है।” अद्भुत होना। यह एक अद्भुत एहसास है कि हम नासा और अन्य जैसी अंतरिक्ष एजेंसियों को प्रतिस्पर्धा दे रहे हैं। हम वास्तव में उत्साहित हैं…”
#WATCH | After the launch of Aditya L-1, people gathered at Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota say “We have come from Mumbai to witness this. It was an unforgettable moment for us. This (Aditya L-1) is going to be marvellous. It is a wonderful feeling that we are… pic.twitter.com/1OcncyxlH0
— ANI (@ANI) September 2, 2023
आदित्य-एल1 के प्रक्षेपण के बाद सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार, श्रीहरिकोटा के दृश्य। पीएसएलवी के पृथक्करण का तीसरा चरण पूरा हो चुका है।
#WATCH | Visuals from Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota after the launch of Aditya-L1.
The third stage of the separation of PSLV has been completed. pic.twitter.com/b88rRvXNSr
— ANI (@ANI) September 2, 2023
इसरो के आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को कवर करने वाला पेलोड पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलते ही अलग हो गया है। फिलहाल इसरो के अनुसार तीसरा चरण अलग कर दिया गया है।
#WATCH | The payload covering the ISRO’s Aditya L1 spacecraft has been separated as it leaves Earth’s atmosphere. Currently, the third stage is separated as per ISRO. pic.twitter.com/KbOY2fHSen
— ANI (@ANI) September 2, 2023
ऐतिहासिक चंद्रमा लैंडिंग के बाद, इसरो का पहला सौर मिशन, आदित्य-एल 1, श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।
After historic moon landing, ISRO’s maiden solar mission, Aditya- L1, launched successfully from Sriharikota
Read @ANI Story | https://t.co/LQ0TiEujby#AdityaL1Launch #ISRO_ADITYA_L1 #Sriharikota pic.twitter.com/dn4yvI5QJh
— ANI Digital (@ani_digital) September 2, 2023
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत का पहला सौर मिशन, #AdityaL1 लॉन्च किया। सूर्य का विस्तृत अध्ययन करने के लिए आदित्य एल1 सात अलग-अलग पेलोड ले जा रहा है।
#WATCH | Indian Space Research Organisation (ISRO) launches India’s first solar mission, #AdityaL1 from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, Andhra Pradesh.
Aditya L1 is carrying seven different payloads to have a detailed study of the Sun. pic.twitter.com/Eo5bzQi5SO
— ANI (@ANI) September 2, 2023
आदित्य-एल1 सोलर मिशन पर उस्मानिया यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर रुक्मिणी जागीरदार का कहना है, ‘इससे पता चलेगा कि इसरो कितनी दूर तक जा सकता है और अपनी क्षमता साबित कर सकता है… यह पहली बार है जब भारत कोई सैटेलाइट भेजने जा रहा है अंतरिक्ष में सूर्य की निगरानी करने के लिए। अमेरिका, यूरोप, जापान के कई उपग्रहों के बाद, बहुत कम देशों ने सूर्य की खोज की है। भारत एक मील का पत्थर बनाने जा रहा है। अभी सूर्य का अवलोकन करने वाले उपग्रहों का जीवनकाल समाप्त होने वाला है। इसरो अगले स्तर का डेटा उपलब्ध कराने जा रहा है जिसकी दुनिया उम्मीद कर रही है…”
#WATCH | Hyderabad, Telangana | On Aditya-L1 Solar Mission, Assistant Professor in the Department of Astronomy at Osmania University, Rukmini Jagirdar says, “This will show how far ISRO can go and prove its capability… This is the first time India is going to send a satellite… pic.twitter.com/QNQ6rS8ZLv
— ANI (@ANI) September 2, 2023
इसरो के सौर मिशन आदित्य एल-1 के लॉन्च से पहले श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) एसएचएआर में मिशन नियंत्रण केंद्र में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह पहुंचे।
#WATCH | Union Minister of State for Science and Technology Jitendra Singh at the mission control centre at Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota ahead of the launch of ISRO’s solar mission Aditya L-1. pic.twitter.com/cWKJF8If5M
— ANI (@ANI) September 2, 2023
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सौर मिशन, #AdityaL1 लॉन्च किया।
Indian Space Research Organisation (ISRO) launches solar mission, #AdityaL1 from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota pic.twitter.com/n980WYkbRk
— ANI (@ANI) September 2, 2023
आदित्य एल-1 की ल़ॉन्चिंग को देखने की बेताबी लोगों में सामने आए इस वीडियो से साफ देखा जा सकता है।
#WATCH | People in large numbers at Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota to witness launch of ISRO’s solar mission Aditya L-1 pic.twitter.com/kzyuo8YtXN
— ANI (@ANI) September 2, 2023
आदित्य एल -1 की पूरी तैयारी हो चुकी है। किसी भी वक्त इसे लॉन्च किया जा सकता है।
#WATCH | India’s first solar mission, #AdityaL1 is all set to be launched from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, Andhra Pradesh at 11:50 am. pic.twitter.com/SINohzawfX
— ANI (@ANI) September 2, 2023
भारत का पहला सौर मिशन, #AdityaL1 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 11:50 बजे लॉन्च होने के लिए पूरी तरह तैयार है।
#WATCH | India’s first solar mission, #AdityaL1 is all set to be launched from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, at 11:50 am. pic.twitter.com/k12Doj0wCR
— ANI (@ANI) September 2, 2023
इसरो का पीएसएलवी रॉकेट सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल-1 को अंतरिक्ष में लॉन्च करेगा।
#WATCH | ISRO’s PSLV rocket to launch Aditya L-1 in space to study the Sun. The spacecraft will be placed around Lagrangian Point
Visuals from mission control centre at Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota pic.twitter.com/OqzLzUMKgJ
— ANI (@ANI) September 2, 2023
क्या करेगा आदित्य एल-1
सोलर मिशन आदित्य एल-1 सूर्य की परतों का निरीक्षण करने के लिए 7 पोलेड ले जाएगा। विभिन्न तरंग बैंडों में फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और कोरोना सहित तीन सबसे अहम परतों का निरीक्षण किया जाएगा। इसरो के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आदित्य एल-1 राष्ट्रीय भागीदारी से बना भारत का पहला मिशन है। सूर्ययान को अपने मिशन तक पहुंचने में चार महीने लग जाएंगे।
आदित्य एल-1 के फायदे
वहीं, बात आदित्य एल के फायदे की करें, तो यह बिना किसी बाधा के सूर्य को देख सकते हैं। इसरो ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके असर को देखने का अधिक लाभ मिलेगा। आदित्य एल-1 के 4 पोलेड सीधे सूर्य को देखेंगे।
सूर्य मिशन का उद्देश्य
आदित्य एल-1 भारत का पहला सूर्य मिशन है। इससे प्राप्त होने वाले डेटा के आधार पर यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कोरोना का तापमान लगभग दस लाख डिग्री सेल्सियस तक कैसे पहुंच जाता है। वहीं, अगर सूर्य के तापमान की बात करें, तो यह 6000 डिग्री सेंटीग्रेड से थोड़ा अधिक रहता है। इसरो वैज्ञानिकों के मुताबिक, आदित्य एल-1 कोरोना और सोलर क्रोमोस्फीयर की जानकारी देगा।