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सीएम योगी का बड़ा कदम- यूपी में कारोबार करना होगा आसान, खत्म होंगे 55 तरह के लाइसेंस, मिलेगी झंझट से मुक्ति

बता दें कि जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वर्तमान में अपेक्षित 43 लाइसेंस / अनापत्ति प्रमाण पत्रों को घटाकर लगभग 21 की संख्या तक कम किया जाएगा।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार रोजगार पैदा करने को लेकर लगातार प्रयासरत है। राज्य में उद्योग व कारोबार संचालन को आकर्षित किया जा सके, इसके लिए योगी सरकार राज्य में 55 तरह के ऐसे लाइसेंस खत्म करने की योजना बना रही है जिसकी वजह से कारोबार शुरू करने में समय और अड़चनें आती थीं।

CM Yogi Adityanath

उद्योग व कारोबार संचालन के लिए सरल तंत्र बनाने के लिए योगी सरकार कार्य कर रही हैं जिसमें अलग-अलग फार्म भरने की औपचारिकताएं नहीं करनी होंगी। इसमें ऑनलाइन ही कम आवेदन पत्र दाखिल करना होगा। बता दें कि जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वर्तमान में अपेक्षित 43 लाइसेंस / अनापत्ति प्रमाण पत्रों को घटाकर लगभग 21 की संख्या तक कम किया जाएगा।

इसके लिए पर्यावरण विभाग, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, श्रम विभाग तथा खाद्य एवं रसद (बाट एवं माप) विभाग तैयारी में जुट गए हैं। अन्य राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में देखा जाए तो अभी यूपी में उद्योग कारोबार लगाने के लिए 55 तरह के लाइसेंस व एनओसी  का प्रावधान है। इसी संदर्भ में अगर तेलंगाना की बात करें तो यहां यह संख्या महज 12 है। आंध्र प्रदेश में यह संख्या 58 है।

Yogi Meeting bundelkhand Video Conferencing

यूपी में अब एक ही आवेदन से सारे लाइसेंस देने की तैयारी चल रही है। श्रम विभाग में वैसे तो 10 तरह के लाइसेंस हैं। अब इन्हें एक आवेदन फार्म के जरिए करने की तैयारी है। अभी बायलर के रजिस्ट्रेशन, बायलर निर्माण, बायलर इरेक्टर के लिए अलग-अलग फार्म भरने पड़ते हैं। अब इन्हें एक में किया जा सकता है। इसी तरह नियोजक के प्रतिष्ठान के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। कांट्रेक्ट लेबर के लिए कांट्रेक्टर का रजिस्ट्रेशन होता है।

CM Yogi Adityanath

इसी की तरह भवन निर्माण व अन्य निर्माण श्रमिक एक्ट के तहत पंजीकरण करवाना होता है। अब इन तीनों को एक में करने की तैयारी है। बीड़ी-सिगार एक्ट व मोटर ट्रांसपोर्ट एक्ट भी हैं। इंटर स्टेट माइग्रेंट वर्कमैन एक्ट के प्रावधान को दुकान व प्रतिष्ठान एक्ट में लाया जा सकता है। खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन के तहत ड्रग विक्रय लाइसेंस, एलोपैथिक दवा निर्माण के लिए फार्म-25 भरना पड़ता है। ऐलोपैथिक दवा निर्माण के लिए लोन लेने का अलग फार्म 25 ए है। इसी रिपैकिंग लाइसेंस के लिए फार्म-25 बी है। वैक्सीन निर्माण के लिए फार्म-28 है। इसी तरह के चार और आवेदन पत्र हैं। इन सबको को मिलाकर एक आवेदन को रिटेल ड्रग, होलसेल ड्रग मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस के आवेदन में समाहित करने की तैयारी है।