नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि पूरा देश 78वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाने की तैयारी कर रहा है, और यह देखकर उन्हें अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने लहराते हुए तिरंगे के महत्व पर जोर दिया, चाहे वह लाल किले पर हो, राज्यों की राजधानियों में हो या हमारे आस-पास हो, तिरंगे को देखना हर भारतीय के हृदय में उत्साह का संचार करता है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह दिन विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा और कई लोगों ने अपनी जान गंवाई। राष्ट्रपति ने विभाजन के दर्द को याद करते हुए कहा कि हम इस त्रासदी में प्रभावित परिवारों के साथ एकजुट होकर खड़े हैं।
LIVE: President Droupadi Murmu’s address to the nation on the eve of the 78th Independence Day https://t.co/MCyfiybwAc
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 14, 2024
राष्ट्रपति मुर्मू ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महान नेताओं और सेनानियों के बलिदानों को भी याद किया। उन्होंने सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, और बाबा साहेब आंबेडकर जैसे नायकों के योगदान की सराहना की और कहा कि उनके बलिदान ने हमें एक नई अभिव्यक्ति प्रदान की।
भारत की आर्थिक प्रगति की चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2021 से 2024 के बीच भारत ने 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल की है, जिससे यह दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। राष्ट्रपति ने भारत के अन्नदाता किसानों की भी सराहना की, जिन्होंने उम्मीद से बेहतर कृषि उत्पादन सुनिश्चित किया है और देश को कृषि-क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मेरे प्यारे देशवासियो,
मैं आप सभी को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। pic.twitter.com/83CB0fS9D7
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 14, 2024
जी-20 की अध्यक्षता के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने पर, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने वैश्विक दक्षिण की आवाज बनने में अपनी भूमिका को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी प्रभावशाली स्थिति का उपयोग विश्व शांति और समृद्धि के विस्तार हेतु करना चाहता है।