President’s Reunion: राष्ट्रपति मुर्मू 48 साल बाद पहुंचीं अपने स्कूल, खुशी से भरी सहेलियों ने ऐसे की तारीफ

ओडिशा के दौरे पर गईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए शुक्रवार का दिन बहुत खास था। उन्हें 48 साल बाद अपनी सहेलियों से मिलने का मौका मिला। राष्ट्रपति को ये मौका उस वक्त मिला, जब वो अपने स्कूल गईं। द्रौपदी मुर्मू ने साल 1970 से 1974 तक भुवनेश्वर के कैपिटल गर्ल्स हाईस्कूल में शिक्षा हासिल की थी।

Avatar Written by: November 12, 2022 11:21 am
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भुवनेश्वर। ओडिशा के दौरे पर गईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए शुक्रवार का दिन बहुत खास था। उन्हें 48 साल बाद अपनी सहेलियों से मिलने का मौका मिला। राष्ट्रपति को ये मौका उस वक्त मिला, जब वो अपने स्कूल गईं। द्रौपदी मुर्मू ने साल 1970 से 1974 तक भुवनेश्वर के कैपिटल गर्ल्स हाईस्कूल में शिक्षा हासिल की थी। उन्होंने 8वीं से लेकर 10वीं तक की पढ़ाई इसी स्कूल से की थी। अपने दौरे में मुर्मू की मुलाकात अपनी सहेलियों और सहपाठियों से हुई। उनसे मिलकर राष्ट्रपति बहुत खुश दिखीं। उन्होंने अपनी उस सहेली के बारे में भी जानकारी ली, जो कार्यक्रम में किसी वजह से नहीं आई थीं।

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इस मौके पर राषट्रपति की सहेलियों ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू काफी सरल और सौम्य स्वभाव की थीं। उन्होंने खुशी जताई कि वो इतने बड़े पद पर पहुंचने के बाद भी आकर मिलीं। उनकी सहेलियों ने बताया कि मुर्मू जिस सहेली के न होने पर पूछ रही थीं, वो उनके साथ स्कूल के हॉस्टल में रहती थी। मुर्मू की एक और सहेली ने मीडिया से कहा कि हम काफी दिनों से उनके साथ बैठकर बातें करना चाहते थे। अब वो राष्ट्रपति बन चुकी हैं। प्रोटोकॉल है। इस वजह से उनका उसी हिसाब से सम्मान भी करना जरूरी होता है। राष्ट्रपति की सहेलियों ने बताया कि मुर्मू में बहुत साहस था। वो गरीब थीं, लेकिन संघर्ष करती रहीं। उनका कहना था कि द्रौपदी मुर्मू की सहेली के तौर पर उनको गर्व होता है।

द्रौपदी मुर्मू का स्वागत स्कूल की टीचरों और बच्चों ने किया। मुर्मू ने यहां 20 मिनट बिताए। उन्होंने छात्राओं का संबोधित भी किया। राष्ट्रपति ने कहा कि हम सबको जीवन में विभिन्न हालात से गुजरना होता है। चुनौतियां काफी होती हैं, लेकिन हमें अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश जरूर करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबको लक्ष्य तय कर उसी दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। मुर्मू ने टीचरों और छात्राओं को बताया कि खुद पढ़ाई करते वक्त उनको किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज के मुकाबले तब हालात काफी अलग थे। आज आपके पास तमाम सुविधाएं हैं, लेकिन तब ऐसा नहीं था। उनके साथ गवर्नर गणेशी लाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे।