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PM Modi: पीएम मोदी और UAE के राष्ट्रपति के बीच दिखा याराना, प्रधानमंत्री को फ्रेंडशिप बैंड बांधकर प्रकट की आत्मीयता

PM Modi: इसके अलावा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में भी समझौता हुआ है, जिसे जल्द ही जमीन पर उतारने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। बता दें कि इस साल सीओपी-28 सम्मेलन में भी भारत हिस्सा लेगा, जिसका आयोजन इस साल होने जा रहा है।

नई दिल्ली। दो दिवसीय फ्रांस दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे। जहां उनकी मुलाकात UAE के राष्ट्रपति शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से हुई। पीएम मोदी ने शेख के हाथों में फ्रैंडशिप बैंड भी बांधा। पीएम मोदी की यह पांचवीं यूएई यात्रा है। इससे पहले पीएम मोदी 2015, 2018, 2019 और 2022 में भी खाड़ी देशों की यात्राएं कर चुके हैं। वहीं, पीएम मोदी ने यूएई यात्रा को लेकर ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा है कि मनोनीत राष्ट्रपति डॉ. सुल्तान अल जाबेर के साथ बहुत सार्थक बैठक हुई @COP28_UAE । हमारी चर्चा सतत विकास को आगे बढ़ाने के तरीकों पर केंद्रित थी। इसके अलाला पीएम मोदी ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मिलकर हमेशा खुशी होती है। उनकी ऊर्जा और विकास की दृष्टि सराहनीय है। हमने सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों सहित भारत-यूएई संबंधों की पूरी श्रृंखला पर चर्चा की। इसके अलावा पीएम मोदी ने यूएई यात्रा को लेकर कई तस्वीरें व वीडियो साझा किए हैं।

बता दें कि पीएम मोदी और संयुक्त अरब अमिरात के राष्ट्रपति शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच व्यापार, आईटी, स्थानीय मुद्राओं से सहित अन्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। खाड़ी देशों में आईटी के कई कैंपस खोलने पर सहमति बनी हुई है। इसके अलावा भारत और यूएई के बीच कई मुद्दों पर समझौते हुए हैं, जिन्हें जल्द ही जमीन पर उतारने की कवायद शुरू की जाएगी। वहीं, यूएई में दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुई व्यापार में 20 फीसद तक बढ़ोतरी हुई है। इस बीच यूएई के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को फ्रैंडशिप बांधकर अपनी आत्मीयता प्रकट की।

इसके अलावा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में भी समझौता हुआ है, जिसे जल्द ही जमीन पर उतारने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। बता दें कि इस साल सीओपी-28 सम्मेलन में भी भारत हिस्सा लेगा, जिसका आयोजन इस साल होने जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय जानकारों की मानें तो प्रधानमंत्री के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत हुए हैं। वहीं, अब आगामी दिनों में दोनों देशों के बीच रिश्ते कैसे रहते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।