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PM Narendra Modi Inaugurates Sri Sri Radha Madanmohan Temple : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवी मुंबई में श्री श्री राधा मदनमोहन मंदिर का किया उद्घाटन, इस्कॉन के प्रयासों को सराहा

PM Narendra Modi Inaugurates Sri Sri Radha Madanmohan Temple : मोदी बोले, हमारा भारत एक असाधारण और अद्भुत भूमि है। भारत केवल भौगोलिक सीमा में बंधा भूमि का एक टुकड़ा मात्र नहीं है, भारत एक जीवंत धरती है, एक जीवंत संस्कृति और परंपरा है और इस संस्कृति की चेतना है यहां का अध्यात्म, इसलिए यदि भारत को समझना है तो हमें पहले अध्यात्म को आत्मसात करना होता है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नवी मुंबई में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इस्कॉन के श्री श्री राधा मदनमोहन मंदिर का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने इस्कॉन के प्रयासों की सराहना करते हुए पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज को याद किया। उन्होंने कहा, इस्कॉन के प्रयासों से, ज्ञान और भक्ति की इस महान भूमि पर श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसे अनुष्ठान में भूमिका निभाने का सौभाग्य मिला। देश में विकास और विरासत को एक साथ गति मिली है। विरासत से विकास के इस मिशन को इस्कॉन जैसी संस्थाओं का महत्वपूर्ण सहयोग मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, दुनिया भर में फैले इस्कॉन के अनुयायी भगवान कृष्ण की भक्ति की डोर से बंधे हुए हैं। इन सभी को एक दूसरे से जोड़ने वाला एक और सूत्र है जो 24 घंटे हर भक्त को दिशा दिखाता रहता है। इस्कॉन के प्रयासों से शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ी कई पहल की जा रही हैं। इस्कॉन कुंभ मेले के दौरान महत्वपूर्ण सेवा कार्य कर रहा है और मुझे संतुष्टि है कि हमारी सरकार भी उसी सेवा भावना के साथ काम कर रही है।

मोदी बोले, हमारे मंदिर और धार्मिक संस्थान हमेशा से सामाजिक चेतना के केंद्र रहे हैं, मेरा मानना ​​है कि इस्कॉन के मार्गदर्शन में युवा राष्ट्र के लिए सेवा और समर्पण की भावना से काम करेंगे। श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर की रूपरेखा और इस रूपरेखा के पीछे का विचार, यह अध्यात्म और ज्ञान की पूरी परंपरा को दर्शाता है। नई पीढ़ी की रुचि और आकर्षण को ध्यान में रखते हुए यहां रामायण और महाभारत का संग्रहालय बनाया जा रहा है।

पीएम बोले, जो लोग दुनिया को केवल भौतिक दृष्टि से देखते हैं, उन्हें भारत भी अलग-अलग भाषा और प्रांतों का समूह नजर आता है। लेकिन जब आप इस सांस्कृतिक चेतना से अपनी अपनी आत्मा को जोड़ते हैं, तब आपको भारत के विराट रूप के दर्शन होते हैं। हमारा भारत एक असाधारण और अद्भुत भूमि है। भारत केवल भौगोलिक सीमा में बंधा भूमि का एक टुकड़ा मात्र नहीं है, भारत एक जीवंत धरती है, एक जीवंत संस्कृति और परंपरा है और इस संस्कृति की चेतना है यहां का अध्यात्म, इसलिए यदि भारत को समझना है तो हमें पहले अध्यात्म को आत्मसात करना होता है।