newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Priyank Kharge: पीएम मोदी को नालायक बताने वाले प्रियांक खड़गे की बढ़ी मुश्किलें, EC ने उठाया बड़ा कदम

चुनाव आयोग ने बीजेपी की शिकायत को संज्ञान में लेने के बाद प्रियांक खड़गे को नोटिस जारी किया। इसके साथ ही नोटिस का जवाब देने के लिए 48 घंटे का समय भी दिया है। अब ऐसे में अपने जवाब में प्रियांक क्या कुछ कहते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। ध्यान रहे कि कर्नाटक का सियासी रण बेहद ही दिलचस्प मोड़ पर आ चुका है।

नई दिल्ली। मुहाने पर दस्तक दे चुके कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पूर्व विवादित बयानों का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसकी विधिवत शुरुआत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सबसे पहले कुलबर्गी में चुनावी जनसभा को संबोधित करने के दौरान पीएम मोदी को जहरीला सांप बताकर की थी। हालांकि, बाद में पीएम ने नहले पहला दहला मारते हुए कह दिया था कि सांप तो भगवान शिव की सवारी है। वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे के बाद उनके बेटे प्रियांक खड़गे ने प्रधानमंत्री को नालायक बेटा कह दिया था। वहीं, जिस तरह से कर्नाटक चुनाव को लेकर नेताओं के बीच विवादित बयानों का सिलसिला जारी है, उसे लेकर गत मंगलवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में बीजेपी ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की थी। उधर, अब इन शिकायतों को संज्ञान में लेने के बाद आयोग ने क्या कदम उठाया है। आइए,आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

दरअसल, चुनाव आयोग ने बीजेपी की शिकायत को संज्ञान में लेने के बाद प्रियांक खड़गे को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही नोटिस का जवाब देने के लिए 48 घंटे का समय भी दिया है। अब ऐसे में अपने जवाब में प्रियांक क्या कुछ कहते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। ध्यान रहे कि कर्नाटक का सियासी रण बेहद ही दिलचस्प मोड़ पर आ चुका है। अब कर्नाटक की लड़ाई बजरंग बली पर आ रुक गई है। सनद रहे कि गत दिनों कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में सत्ता में आने पर बजरंग बली पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था, जिसे लेकर बीजेपी अब कांग्रेस पर हमलावर हो चुकी है।

इतना ही नहीं, कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंग दल और पीएफआई की आपस में तुलना कर दी है, जिस पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है। मालूम हो कि केंद्र की मोदी सरकार आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पीएफआई पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है, तो इस तरह से आप बतौर पाठक समझ सकते हैं कि वर्तमान में कर्नाटक का रण दिलचस्प मोड़ पर आ चुका है। ध्यान रहे कि 10 मई को प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और नतीजों की घोषणा 13 मई को होगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि सूबे में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठता है।