नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान कानूनों को लेकर पंजाब के कई हिस्सों में किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों ने रेल पटरियों पर अपनी मांगों के साथ कब्जा जमाया हुआ है। इसके चलते बीते कई दिनों से रेलगाड़ियों के संचालन में बाधा हुई है। बता दें कि शनिवार को पंजाब के अलग-अलग किसान संगठनों ने घोषणा की कि यात्री ट्रेनों की आवाजाही के लिए वे 23 नवंबर से अपने रेल रोको आंदोलन को वापस ले रहे हैं। वहीं ट्रेनों के संचालन को लेकर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के साथ किसान नेताओं के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई। जिसके बाद राज्य में यात्री ट्रेनों की आवाजाही की अनुमति देने का फैसला आया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने किसानों के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए यहां आमंत्रित किया था। बता दें कि सीएम से बातचीत के बाद किसानों ने रेल रोको अभियान को खत्म कर दिया। किसान संगठनों ने 23 नवंबर से सभी ट्रेनों के लिए 15 दिन तक ट्रैक खाली करने पर सहमति जताई।
इसको लेकर एक ट्वीट में अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘यह बताते हुए मुझे खुशी है कि 23 नवंबर की रात से किसान यूनियन ने 15 दिनों के लिए रेल अवरोधों को समाप्त करने का निर्णय लिया है। मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं क्योंकि यह हमारी अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति बहाल करेगा। मैं केंद्रीय सरकार से पंजाब के लिए रेल सेवाओं को फिर से शुरू करने का आग्रह करता हूं।’
Had a fruitful meeting with Kisan Unions. Happy to share that starting 23rd Nov night, Kisan Unions have decided to end rail blockades for 15 days. I welcome this step since it will restore normalcy to our economy. I urge Central Govt to resume rail services to Punjab forthwith. pic.twitter.com/shmIZPHFR0
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 21, 2020
हालांकि उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि, केंद्र सरकार को इन 15 दिनों में खुली वार्ता करनी होगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो 15 दिन बाद किसान संगठन अपना आंदोलन फिर से शुरू कर देंगे।