
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसादम लड्डू को बनाने में गाय की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल होने की बात सामने आने के बाद आज मंदिर का शुद्धिकरण कराया गया। शुद्धिकरण अनुष्ठान के तहत वैखानसा आगम सलाहकार रामकृष्ण दीक्षितुलु के मार्गदर्शन में श्रीवारी मंदिर में शांति हवन किया गया। इस हवन में लड्डू और अन्नप्रसादम रसोई की पंचगव्य शुद्धि भी की गई। शुद्धिकरण के इस अनुष्ठान में 20 पुजारी और 3 आगम सलाहकार शामिल रहे। दूसरी तरफ देश के अन्य मंदिरों में भी अब प्रसाद को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में बाजार से खरीदा गया प्रसाद चढ़ाने पर रोक लगा दी गई है।
तिरूपति, आंध्र प्रदेश: वैखानसा अगम सलाहकार रामकृष्ण दीक्षितुलु के मार्गदर्शन में श्रीवारी मंदिर में एक शांति हवन आयोजित किया गया। समारोह में 20 पुजारी और 3 अगाम सलाहकार शामिल थे। इस हवन में लड्डू और अन्नप्रसादम रसोई की पंचगव्य शुद्धि भी की जाएगी। pic.twitter.com/GFXn9kHhpk
— IANS Hindi (@IANSKhabar) September 23, 2024
इस संबंध में लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरी का कहना है कि तिरुपति प्रसादम विवाद को देखते हुए हमने एक पहल की है। खाद्य उत्पादों में हमेशा कुछ न कुछ मिलावट जरूर होती है इसीलिए हमने ‘गर्भ गृह’ में बाहर से खरीदे जाने वाले प्रसाद को चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। हमने भक्तों से अनुरोध किया है कि वे घर का बना प्रसाद जैसे हलवा, खीर या कुछ भी अन्य खाद्य पदार्थ लाएं और बाबा को चढ़ाएं। या फिर सूखे मेवे और फलों का भोग भगवान को लगा सकते हैं।
#WATCH | Lucknow, Uttar Pradesh | Mahant Divya Giri says, “We have taken an initiative in view of the Tirupati Prasadam row. There is always some adulteration in the food products. We have banned the prasad bought from outside in the ‘Garbh Grih’. We have requested the devotees… https://t.co/xtW7ucDail pic.twitter.com/Ia2xiU7n5J
— ANI (@ANI) September 23, 2024
महंत ने कहा कि प्राथमिक तौर पर घी से बना हुआ कोई भी प्रसाद गर्भ ग्रह में नहीं चढ़ाया जा रहा है। तिरुमति मंदिर प्रसादम मामले पर महंत दिव्या गिरी ने कहा कि प्रसाद के रूप में मासांहार ग्रहण कराया गया सनातन और हिंदू धर्म की आस्था पर बहुत बड़ा प्रहार है। वहीं मनकामेश्वर मंदिर के बाहर स्थानीय दुकानदारों ने अपने प्रसाद में शुद्धता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया और कहा कि कि प्रसाद के बारे में किसी भी संदेह का परीक्षण खाद्य विभाग द्वारा कराया जा सकता है। उन्होंने अपनी आजीविका के लिए सरकार से सहायता का भी अनुरोध किया।
Lucknow, Uttar Pradesh: Mahant Divyagiri of Mankameshwar Temple in Lucknow has called for a ban on outside Prasad due to concerns about adulteration, urging devotees to offer only pure home-made Prasad or dry fruits. Local shopkeepers emphasized their commitment to purity in… pic.twitter.com/rEDc88L18l
— IANS (@ians_india) September 23, 2024