
सहारनपुर। जमीयत दावातुल मुसलमीन के संरक्षक और उलेमा कारी इसहाक गोरा का एक बयान चर्चा में है। कारी इसहाक गोरा ने कहा है कि शादी का सीजन है। इस सीजन में मुस्लिम महिलाएं बड़ी तादाद में बाजार जाती हैं। जहां वो गैर मर्द के हाथ से चूड़ियां पहनती हैं और मेंहदी लगवाती हैं। कारी इसहाक गोरा ने इसे गैर इस्लामी करार दिया है। कारी इसहाक गोरा ने कहा कि इस बारे में दारुल उलूम देवबंद पहले ही फतवा जारी कर चुका है। उलेमा कारी इसहाक गोरा ने इसके साथ ही मुस्लिम मर्दों के बारे में भी ऐसी ही बात कही है।
सहारनपुर: मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने वीडियो बयान जारी किया
उन्होंने शादियों में मुस्लिम महिलाओं के ग़ैर-महरम से मेहंदी लगवाने पर चिंता जताई#Saharanpur #UttarPradesh #BreakingNews #Bharat24Digital @AhteshamFIN @Uppolice @saharanpurpol pic.twitter.com/4WakWdbfga
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कारी इसहाक गोरा ने कहा कि इस्लाम में किसी मुस्लिम मर्द को भी ये इजाजत नहीं है कि वो बिना महरम वाली यानी बिना किसी मर्द के साथ आई महिला को छुए। कारी इसहाक गोरा ने कहा है कि चाहे वो महिला किसी भी धर्म की क्यों न हो। कारी इसहाक गोरा ने मुस्लिम महिलाओं से अपील की है कि वे अपने रिवाजों को इस्लाम के उसूलों से परखें। कारी इसहाक गोरा ने कहा है कि महिलाएं इस्लामी शिक्षा और फतवों के आलोक में फैसला लें और इस्लाम की तहजीब और अदब को बनाए रखें।
देवबंदी उलेमा कारी इसहाक गोरा पहले भी अपने बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं। उन्होंने बीती 11 अप्रैल को कहा था कि जुमा मस्जिद कहना गलत है। कारी इसहाक गोरा ने कहा था कि सही शब्द जामा मस्जिद है। कारी इसहाक गोरा का कहना था कि जामा मस्जिद कहना मुस्लिम धर्म के हिसाब से सही है। वहीं, बीती 13 फरवरी को कारी इसहाक गोरा ने कहा था कि मुस्लिमों को गैर इस्लामी रस्मों से बचना चाहिए। कारी इसहाक गोरा ने कहा था कि वैलेंटाइन डे जैसी परंपरा इस्लाम के खिलाफ है और मुस्लिमों को ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए। कारी इसहाक गोरा ने दिसंबर 2024 में कहा था कि पार्टी करने, म्यूजिक बजाने और डांस करने से अल्लाह नाराज होता है।