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इस्लाम के कड़वे सच से RJ सायमा का हुआ सामना, प्रोफेसर रंगनाथन ने खोली पोल तो सवालों से भागीं

Radio Mirchi RJ Sayema: सायमा के इस ट्वीट को लेकर वैज्ञानिक व प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने रिट्वीट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी और सायमा की पोल भी खोल डाली। प्रोफेसर रंगनाथन ने कुरान की आयतें पेश की और दिखाया कि कैसे इस्लाम में काफिरों के ख़िलाफ़ हिंसा की बातें लिखी गई है।

नई दिल्ली। सेकुलर और लिबरल मीडिया के नाम पर दुकान चलाने वाले पक्षकार एक बार फिर से सोशल मीडिया पर हाय-तौबा मचाने लगे हैं। इसी क्रम में  रेडियो मिर्ची की रेडियो जॉकी (RJ) सायमा सोशल मीडिया पर अपना दुखड़ा रोने लगी है। दरअसल कवि और गीतकार मनोज मुंतशिर ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में मनोज मुंतशिर मुगल बर्बता का खुलासा किया। साथ ही बताया कि कैसे हम भारतीयों ने अपनी विरासत के साथ हुई छेड़छाड़ को आसानी से स्वीकार कर लिया। उन्होंने लोगों से ये भी सवाल किया कि हजारों भारतीयों को मारने वाले आक्रमणकारियों और लुटेरों को नायक के रूप में कैसे दिखाया जा सकते है। वीडियो में उन्होंने मुगलों की भी आलोचना की।

manoj muntshir

वहीं मनोज मुंतशिर के इस वीडियो के सामने आने के बाद लिबरलों, वामपंथी लोगों का दर्द छलका उठा और नाराज हो गए। इतना ही नहीं  मुंतशिर को लिबरलों, वामपंथी और इस्लामियों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। इसमें से एक RJ सायमा का नाम भी है। सायमा ने ट्वीट करते हुए मनोज मुंतशिर को ‘कट्टर’ बता डाला और कहा कि कट्टरता का शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं होता।

इस ट्वीट के बाद RJ सायमा सोशल मीडिया पर यूजर्स के निशाने पर आई। यूजर्स ने उनकी जमकर क्लास लगा डाली। लोगों ने मुंतशिर का समर्थन किया, तो वहीं सायमा को सलाह देते हुए कहा कि अगर काउंटर करना ही है तो फिर तथ्यों के साथ किया जाए। सायमा के इस ट्वीट को लेकर वैज्ञानिक व प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने रिट्वीट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी और सायमा की पोल भी खोल डाली। प्रोफेसर रंगनाथन ने कुरान की आयतें पेश की और दिखाया कि कैसे इस्लाम में काफिरों के ख़िलाफ़ हिंसा की बातें लिखी गई है।

प्रोफेसर रंगनाथन के इन तर्कों के बाद सायमा ने दोबारा ट्वीट किया और उन्हें कहा कि वो आभार व्यक्त करती हैं इस बात को साबित करने के लिए जो उन्होंने कहा था वह सही बात है कि कट्टरता का शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद वह रंगनाथन को भी एक ‘शिक्षित कट्टर’ कहकर बात खत्म कर देती हैं।

वहीं प्रोफेसर आनंद रंगनाथन दोबारा सायमा के ट्वीट का जवाब दिया और कहा कि इसका मतलब ये है कि कुरान की आयत पढ़ना कट्टरता होता है? वहीं रंगनाथन के एक बाद एक सवालों को और सच्चाई सामने लाने के बाद RJ सायमा भाग जाती हैं।

वहीं तथ्यों के बाद जब सायमा की पोल खुल गई तो उन्होंने शर्मिंदगी से बचने के लिए वॉट्सएप यूनिवर्सिटी का हवाला दिया। सायमा ने कहा कि, क्या प्रोफेसर आनंद रंगनाथन ने वॉट्सएप यूनिवर्सिटी से यह सारा ज्ञान अर्जित किया है। रंगनाथन द्वारा प्रमाण के तौर पर पेश की गई आयतों को तर्कों से काटने के बजाय सायमा पर्सनल होने लगीं। सायमा ये बताना चाहा कि प्रोफेसर रंगनाथन की बातें वॉट्सएप यूनिवर्सिटी से ली गई हैं और हिंसा की बातें फेक हैं।

लेकिन प्रोफेसर रंगनाथन यहां नहीं रुके। सायमा को चुनौती देते हुए कहा कि, जो आयतें उन्होंने पेश की हैं वो कुरान से नहीं हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि सायमा जहां से चाहें वहां से उन्हें गलत साबित कर सकती हैं। ये उनके लिए खुली चुनौती हैं। फिर क्या था सायमा जो इस्लाम के कड़े सच से रूबरू होने के बाद पल्ला झाड़ कर भाग खड़ी हुईं और बिना प्रोफेसर को गलत साबित किए, उन्होंने जवाब देना बंद कर दिया।