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Hypocrisy: राहुल गांधी साधते हैं जिन अडाणी पर निशाना, उसी को गहलोत सरकार ने दी जमीन

पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलने के लिए कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी जिन मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी पर निशाना साधते हैं, उनमें से अडाणी की कंपनी को राहुल की ही पार्टी कांग्रेस के सीएम अशोक गहलोत की सरकार ने राजस्थान में अच्छी-खासी बड़ी जमीन दी है।

जयपुर। इसे पाखंड की इंतेहा न कहा जाए तो और क्या कहें ! पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलने के लिए कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी जिन मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी पर निशाना साधते हैं, उनमें से अडाणी की कंपनी को राहुल की ही पार्टी कांग्रेस के सीएम अशोक गहलोत की सरकार ने राजस्थान में अच्छी-खासी बड़ी जमीन दी है। राहुल गांधी ने 12 दिसंबर को जयपुर की रैली में अडाणी ग्रुप पर भी निशाना साधा था। अब अडाणी ग्रुप और राजस्थान की गहलोत सरकार ने सोलर पार्क बनाने के लिए साझा कंपनी बनाने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक बुधवार को गहलोत ने कैबिनेट बैठक की। इसमें राजस्व विभाग से जुड़े फैसले हुए। इनमें से एक फैसले के तहत 1500 मेगावाट का सोलर पार्क बनाने के लिए अडाणी ग्रुप के साथ साझा कंपनी बनाने का भई फैसला था। वहीं, 30 मेगावाट के सोलर पार्क के लिए 64 हेक्टेयर की जमीन जैसलमेर में देने का भी फैसला हुआ। कुल मिलाकर 1600 हेक्टेयर जमीन अडाणी ग्रुप को दी जाएगी।

पाखंड यहीं पर है कि गहलोत सरकार अडाणी ग्रुप के साथ समझौते कर रही है और राहुल गांधी कहते हैं कि अडाणी और अंबानी ही मोदी सरकार को चला रहे हैं। 12 दिसंबर की रैली में राहुल ने कहा था कि एयरपोर्ट, कोल मांइस, सुपर मार्केट, जहां देखो, वहां दो ही लोग दिखेंगे। अडाणीजी-अंबानीजी। गलती उनकी थोड़ी ही है। गलती तो प्रधानमंत्री की है। आपको कोई मुफ्त में कुछ दे देगा, तो आप वापस दे देंगे क्या ? प्रधानमंत्री सुबह उठते ही कहते हैं अडाणी-अंबानी को क्या दें? चलो आज एयरपोर्ट दे देते हैं। आज किसानों के खेत दे देते हैं, खदान दे देते हैं।

adani mamata

बता दें कि इससे पहले गौतम अडाणी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बीच भी मुलाकात हो चुकी है। ममता बनर्जी भी कई बार अडाणी और अंबानी का मसला उठाकर मोदी सरकार पर निशाना साध चुकी हैं, लेकिन गौतम अडाणी जब उनसे मिलने गए, तो ममता बनर्जी ने करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत की। पश्चिम बंगाल में सिंगुर में ममता बनर्जी अडाणी को जमीन देने पर राजी हैं। ये वही सिंगुर है, जहां टाटा की फैक्ट्री का विरोध करके ममता बनर्जी सत्ता में आई थीं। अब उनको भी उद्योगपतियों में कोई खामी नहीं दिख रही है। ममता अब चाहती हैं कि बड़े उद्योगपति पश्चिम बंगाल आएं और बिजनेस करें। जबकि, वहां भी उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर उद्योगपतियों से तोलाबाजी के जरिए उगाही करने का लगातार आरोप लगता रहा है और इसी वजह से कोई उद्योगपति बंगाल जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।