newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Rahul Gandhi: ‘हम महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हैं, लेकिन…’, मोदी सरकार पर जमकर बरसे राहुल गांधी, कही ये बात

Rahul Gandhi on Women Reservation Bill: यह बिल 27 सालों से अटका हुआ था , जिसे केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र आहूत करवाकर पारित करवा दिया है। वहीं, बिल के पारित होने के बाद देशभऱ में खुशी का माहौल है। हर कोई अपनी खुशी जाहिर कर रहा है।

नई दिल्ली। महिला आरक्षण बिल के संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है। लोकसभा में जहां बिल के पक्ष में 454 तो वहीं विरोध में दो वोट पड़े थे। विरोध में मत डालने वाले एआईएमआईएम पार्टी से थे। वहीं, कल इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया था। जहां इसके पक्ष में 251 वोट पड़े। वहीं, विरोध में शून्य वोट डाले गए। संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद अब इस बिल  को राष्ट्रपति को  भेजा जाएगा। जहां हस्ताक्षर के बाद यह कानून का रूप धारण कर लेगा। इस बिल के कानून का रूप धारण किए जाने के बाद महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में 33 फीसद आरक्षण दिए जाएगा। यह बिल 27 सालों से अटका हुआ था , जिसे केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र आहूत करवाकर पारित करवा दिया है। वहीं, बिल के पारित होने के बाद देशभऱ में खुशी का माहौल है। हर कोई अपनी खुशी जाहिर कर रहा है। इस बीच पीएम मोदी भी दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने महिला कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इसके बाद कुछ देर बाद ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर इस पूरे मसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। आइए, आगे कि रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है?

राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, ‘”ऐसा क्या है जिससे आपका ध्यान हटाया जा रहा है? ओबीसी जनगणना से। मैंने संसद में एक संस्था के बारे में बात की, जो भारत सरकार चलाती है – कैबिनेट सचिव और सचिव…मैंने पूछा कि 90 में से केवल तीन लोग ही क्यों हैं ओबीसी समुदाय?…मुझे समझ नहीं आता कि पीएम मोदी हर दिन ओबीसी की बात करते हैं लेकिन उन्होंने उनके लिए क्या किया?

राहुल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, ‘”महिला आरक्षण विधेयक बढ़िया है लेकिन हमें दो फ़ुटनोट मिले कि जनगणना और परिसीमन उससे पहले करने की ज़रूरत है। इन दोनों में वर्षों लगेंगे। सच्चाई यह है कि आरक्षण आज लागू किया जा सकता है…यह कोई जटिल मामला नहीं है लेकिन सरकार ऐसा नहीं करना चाहती है। सरकार ने इसे देश के सामने पेश किया है लेकिन इसे अब से 10 साल बाद लागू किया जाएगा। कोई नहीं जानता कि यह लागू भी होगा या नहीं। यह एक ध्यान भटकाने वाली रणनीति है, ध्यान भटकाने वाली रणनीति है।”