नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तुगलक रोड स्थित सरकारी बंगला खाली करके अपना सामान अपनी मां सोनिया गांधी के 10 जनपथ के बंगले में शिफ्ट कर लिया है। दो ट्रकों में भरकर उनका सारा सामान मां सोनिया के आवास ले जाया गया। अब से राहुल अपनी सोनिया के साथ ही रहेंगे। बता दें कि सांसदी गंवाए जाने के बाद राहुल गांधी को लोकसभा की आवास समिति ने नोटिस जारी कर आगामी 22 अप्रैल तक सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया था। नोटिस मिलने के बाद राहुल ने लोकसभा के डिप्टी सक्रेटरी मोहित रंजन को पत्र लिखकर आवास खाली करने की बात कही थी। उधर, राहुल को घर खाली करने का नोटिस मिलने के बाद कांग्रेस समर्थकों के बीच ‘मेरा घर राहुल गांधी का घऱ’ नामक अभियान का आगाज हुआ जिसे कांग्रेस ने सकारात्मकर दृष्टिकोण से लिया। इस बीच राहुल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि चाहे केंद्र की तानाशाही सरकार मेरे खिलाफ कितने भी निर्णय क्यों ना करें, मैं हमेशा ही जनहित में अपनी राय रखूंगा और लोकतांत्रिक मूल्यों को संरक्षित करने के लिए लड़ूंगा।
बता दें कि बीते दिनों राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी की शिकायत में 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरनेम को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में दो साल की सुनाई थी। गत लोकसभा चुनाव में राहुल ने कर्नाटक के कोलार में चुनावी जनसभा को संबोधित करने के क्रम में नीरव मोदी, मेहुल चौकसी का जिक्र कर कहा था कि आखिर क्यों सभी चोरों का नाम मोदी है? कांग्रेस नेता के इसी बयान पर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करवाया। इसी मामले में गत दिनों सूरत कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। ध्यान रहे कि जन-प्रतिनिधित्व कानून के तहत जब किसी राजनेता को किसी मामले में दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद सदस्यता रद्द कर दी जाती है। ऐसा ही कुछ राहुल गांधी के साथ भी हुआ।
#WATCH | Trucks from Congress leader Rahul Gandhi’s 12 Tughlak Lane bungalow leave for his mother and UPA chairperson, MP Sonia Gandhi’s residence at 10 Janpath.
He is vacating his residence after being disqualified as Lok Sabha MP. pic.twitter.com/t4gANaLaRm
— ANI (@ANI) April 14, 2023
हालांकि, बाद में केरल के एक कार्यकर्ता ने इस कानून को कोर्ट में चुनौती भी दी थी। उधर, राहुल की सांसदी जाने के बाद बीजेपी के विरोध में वायनाड में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन भी किया गया था। वहीं, गत दिनों राहुल वायनाड भी पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो लोकतांत्रिक मूल्यों के हित के लिए लड़ते रहेंगे और तानाशाही तत्वों के विरुद्ध अपनी आवास मुखऱ करते रहेंगे।