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Rahul Gandhi: ‘एक देश, एक चुनाव’ पर राहुल का पहला बयान, जानें क्या कहा?

Rahul Gandhi: केंद्र सरकार एक देश एक चुनाव की प्रणाली को लागू कर बार-बार चुनाव कराने के झंझट से बाहर आना चाहती है। कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक देश एक चुनाव की पैरोकारी की थी। बीते दिनों पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा था कि कई बार मेरी इसे लेकर विपक्षी नेताओं से बात होती है, तो वो भी कहते हैं कि बार-बार के चुनाव से बाहर आना चाहती है।

नई दिल्ली। एक देश एक चुनाव को लेकर केंद्र की मोदी सरकार एक्शन मोड में आ चुकी है। इसे लेकर केंद्र ने आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसका अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है। इसके अलावा कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी को कमेटी में शामिल किया गया है, जिसे लेकर चौतरफा सियासी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। उधर, अधिर रंजन चौधऱी ने अमित शाह को पत्र लिखकर कमेटी से अपना नाम वापस लेने की बात कही है।

इसके अलावा कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को कमेटी में शामिल नहीं करने को लेकर सवाल उठाए हैं। उधऱ, आम आदमी पार्टी ने इसे डमी कमेटी बताया है, तो उधर जयराम रमेश ने इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए। इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने केंद्र को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वन नेशन और वन इनकम तो कीजिए। चुनाव के बारे में बाद मे सोचिएगा। वहीं, अब इस कमेटी पर राहुल गांधी का भी बयान सामने आया है। ध्यान दें, यह उनका पहला बयान है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है?

क्या बोले राहुल गांधी?

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के वन नेशन वन कमेटी को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने इसे आइडिया ऑफ इंडिया पर हमला बताया। उन्होने आगे कहा कि इंडिया अर्थात भारत, राज्यों का एक संघ है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का विचार संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है। बता दें कि राहुल गांधी का वन नेशन वन इलेक्शन पर पहला बयान है। हालांकि, कांग्रेस की ओर से सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई जा चुकी है। कांग्रेस का कहना है कि पिछले 9 सालों से सरकार खामोश थी, लेकिन अब जब चुनाव मुहाने पर दस्तक दे चुका है, तो केंद्र की ओर से एक देश एक चुनाव का शिगूफा छोड़ा जा रहा है, जो कि उचित नहीं है।

ध्यान दें, केंद्र सरकार एक देश एक चुनाव की प्रणाली को लागू कर बार-बार चुनाव कराने के झंझट से बाहर आना चाहती है। कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक देश एक चुनाव की पैरोकारी कर चुके हैं। बीते दिनों पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा था कि कई बार मेरी इसे लेकर विपक्षी नेताओं से बात होती है, तो वो भी कहते हैं कि हमें अब बार-बार के चुनाव से बाहर आ जाना चाहिए। बता दें कि बीते दिनों केंद्र सरकार ने यकायक संसद का विशेष सत्र आहूत करने का निर्णय लिया, जिस पर भी विपक्ष ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद खबर आई कि सरकार अब संसद के विशेष, सत्र के दौरान एक देश एक चुनाव और महिला आरक्षण से संबंधित बिल पेश करेगी, जिसे लेकर अब राजनीति तेज हो चुकी है।