
नई दिल्ली। करीब 1 महीने से अपनी तमाम मांगों को मनवाने के लिए किसानों के कुछ संगठन आंदोलन कर रहे हैं। इन किसान संगठनों के नेताओं ने आज आंशिक रेल रोको का एलान किया है। इससे आम लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा में 60 जगह रेल रोको आंदोलन होगा। इस दौरान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक ट्रेनों को रोका जाएगा। किसान नेता ने आम लोगों से उस वक्त यात्रा न करने का आग्रह किया है। किसान संगठनों ने मजदूरों और आम लोगों से भी अपील की है कि वे रेल रोको आंदोलन को अपना समर्थन दें। किसानों का आंदोलन 13 फरवरी से चल रहा है और तमाम किसानों को हरियाणा ने पंजाब सीमा पर रोके रखा है।
#WATCH | Farmer leader Sarwan Singh Pandher says, “…As part of the agitation that started at the Punjab-Haryana border on 13th February, we have called for ‘Rail Roko’ across the country today. We urge all farmers, labourers and common people of the country to support us in the… pic.twitter.com/DJcd9kJYEz
— ANI (@ANI) March 10, 2024
रेल रोको आंदोलन से पहले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने केंद्र से कहा है कि वो सभी फसलों पर एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की जिम्मेदारी से न भागे। डल्लेवाल ने ये भी कहा कि किसान संगठन अरहर, मसूर, उड़द दालों, मक्का और कपास की गारंटी वाली खरीद के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर चुके हैं। किसान संगठनों से चौथे दौर की बातचीत में केंद्र सरकार की तरफ से इसका प्रस्ताव दिया गया था।
किसान संगठनों की मुख्य मांग फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी है। इसके अलावा उनकी मांग ये भी है कि भारत डब्ल्यूटीओ से भी बाहर हो जाए। किसानों के लिए 58 साल की उम्र के बाद हर महीने 10000 रुपए महीने पेंशन, मनरेगा के जरिए हर साल 210 दिन का रोजगार और इसमें हर दिन 700 रुपए देने की मांग भी किसान संगठन कर रहे हैं। इसके अलावा पहले हुए किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मुकदमों की वापसी और लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग भी वे कर रहे हैं। केंद्र सरकार कुछ मुद्दों पर राजी है, लेकिन एमएसपी की गारंटी पर सरकार का कहना है कि बड़े पैमाने पर बातचीत के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जा सकता है।