नई दिल्ली। रेलवे अब सभी ट्रेनों के इंजन, इंजन के कैटल गार्ड, गार्ड वाले डिब्बे के आगे और पीछे और सभी डिब्बों के बाहर कैमरे लगवाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के हवाले से फाइनेंशियल एक्सप्रेस अखबार ने ये खबर दी है। बीते कुछ समय से वंदे भारत ट्रेनों पर पथराव की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा हाल के दिनों में रेल की पटरियों पर भारी चीजें रखकर ट्रेन हादसे कराने की कोशिश की भी घटनाएं सामने आई हैं। रेलवे इन पर प्रभावी रोक लगाने की कोशिश के तहत ट्रेनों और इंजनों के बाहर कैमरे लगवाने जा रहा है। भारतीय रेलवे में 14000 इंजन हैं। जबकि, रेल के यात्री और मालवाहक डिब्बों की संख्या 40000 है। इसके अलावा देशभर में रेलवे 6000 ईएमयू वाले लोकल ट्रेन भी चलाता है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अखबार को बताया कि इंजनों और रेल के डिब्बों के बाहर लगाए जाने वाले कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई वाले होंगे। कुल 75 लाख कैमरे लगाने, इनके फुटेज रिकॉर्ड करने और केंद्रीय डेटा सेंटर बनाने में रेलवे के करीब 15000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ट्रेनों के बाहर लगने वाले कैमरों से पत्थरबाजी करने वालों का चेहरा कैद होगा। वहीं, इंजन और कैटल गार्ड में लगे कैमरों से रेल पटरियों पर रखी गई चीजों का पहले से ही ड्राइवर को पता चल सकेगा और वे ट्रेन को हादसे से पहले रोक सकेंगे। कैमरे लगाने के लिए अगले 3 महीने में रेलवे टेंडर जारी करेगा। ये कैमरे दिन के अलावा रात में भी अच्छे से दृश्यों को कैद कर सकेंगे।
रेलवे ने इसके साथ ही सभी राज्यों के डीजीपी से भी कहा है कि वे अपने यहां रेल पटरियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं। इसके अलावा ट्रेन हादसे कराने की साजिश का पहले से ही पता करने के लिए खुफिया नेटवर्क को भी मजबूत करने पर जोर है। लोगों को जागरूक भी किया जाएगा। ताकि ट्रेनों की सुरक्षा के लिए खतरा बनने वालों पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।