नई दिल्ली। पंजाब मुश्किल से संभला, लेकिन अब राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के सामने फिर मुश्किल खड़ी हो गई है। मुश्किल की वजह फिर बनी है सचिन पायलट की वजह से। दरअसल, कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत से कहा है कि वह राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल करें। अब गहलोत परेशान हैं कि किसे मंत्री बनाएं और किसे हटाएं। क्योंकि अगर सचिन के खेमे से मंत्री नहीं लिया, तो मुश्किल और उनके खेमे वाले किसी को मंत्री पद से हटाया तो भी मुश्किल।
सूत्रों के अनुसार गहलोत ने अपनी इस दुधारी मुश्किल के बारे में आलाकमान को जानकारी दी थी। जिसके बाद सोनिया गांधी के निर्देश पर राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और केंद्रीय नेता केसी वेणुगोपाल आज जयपुर में पार्टी के पदाधिकारियों और विधायकों से मिलकर उनकी राय जानेंगे।
गहलोत की मुश्किल इसलिए भी बड़ी है क्योंकि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से उनकी जंग अब भी जारी है। ऐसे में दोनों गुटों को साधने में माकन और वेणुगोपाल को भी दिक्कत हो सकती है। मंत्रियों की संख्या को लेकर भी कांग्रेस आलाकमान के दूत परेशान हैं। फिलहाल गहलोत सरकार में मंत्रियों की संख्या 21 है और अधिकतम 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। ऐसे में किस-किस को मंत्री बनाया जाए, ये सवाल गहलोत, माकन और वेणुगोपाल को परेशान कर रहा है।
मुश्किल की एक बड़ी वजह बीएसपी से आए 6 और 13 निर्दलीय भी हैं। मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल हुआ, तो इन्हें भी जगह देनी होगी। यानी जगह हैं महज 9 और दावेदार हैं करीब 48। सीधे हिसाब से भी ये आंकड़ा एक-दूसरे में फिट नहीं बैठ रहा है। ऐसे में देखना ये है कि गहलोत, माकन और वेणुगोपाल किसे मना पाते हैं और किसे नहीं।