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Rajasthan News : कांग्रेस शासित राजस्थान में बीच रास्ते एंबुलेंस का खत्म हो गया तेल, मरीज को गंवानी पड़ी जान

Rajasthan News : मरीज की मौत से गुस्साए परिजनों ने 108 जीवन वाहिनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नाराजगी जाहिर की। परिजनों ने कहा कि अगर ड्राइवर ने पहले ही दूसरी एंबुलेंस बुला ली होती तो शायद मरीज की जान बच जाती। लेकिन ड्राइवर तीन घंटे तक इधर-उधर टहलाता रहा।

नई दिल्ली। जिस राजस्थान में कांग्रेस सरकार बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करती है। उसी राजस्थान से एक ऐसी खबर सामने आ रही है जिसे सुनकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या वाकई जमीनी हकीकत और कांग्रेस के दावों में कोई समानता नजर आती है या नहीं। दरअसल हाल ही में राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में 108 जीवन वाहिनी की लापरवाही से एक मरीज की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। दरअसल, मरीज को लेकर जा रही एंबुलेंस का रास्ते में डीजल खत्म हो गया। ड्राइवर ने मरीज के परिजनों को 500 रुपए देकर डीजल लाने के लिए भेजा। परिजन बांसवाड़ा से डीजल लेकर वापस आए। डीजल डालने के बाद भी एंबुलेंस स्टार्ट नहीं हुई. इस पर ड्राइवर ने मरीज के परिनजों ने धक्का लगवाया। फिर भी एबुलेंस स्टार्ट नहीं हुई। बाद में पहुंची दूसरी एंबुलेंस ने मरीज को अस्तपाल पहुंचाया, लेकिन तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी।

मृतक के परिजनों ने लगाया ड्राइवर पर लापरवाही का आरोप

आपको बता दें की मरीज के तड़प-तड़प कर मर जाने के बाद परिजन एंबुलेंस के ड्राइवर पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। एंबुलेंस के ड्राइवर ने तेजपाल के परिजनों को 500 रुपए देकर डीजल लाने के लिए भेजा था।

परिजन बांसवाड़ा से डीजल लेकर वापस एंबुलेंस के पास पहुंचे, लेकिन डीजल डालने के बाद भी एंबुलेंस स्टार्ट नहीं हुई। इस पर ड्राइवर ने परिनजों से धक्का मरवाया, फिर भी एंबुलेंस स्टार्ट नहीं हुई। ड्राइवर ने दूसरी एंबुलेंस को फोन को मौके पर बुलाया. मौके पर पहुंची दूसरी एंबुलेंस ने तेजपाल को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उस मौत हो चुकी थी।

बेटी और दामाद से मिलने पहुंचा था बांसवाड़ा

जिस राजस्थान में कांग्रेस लगातार बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में तारीफ करती नहीं थकती। वहीं इस तरह की लापरवाही सामने आने के बाद विपक्ष जमकर निशाना साध रहा है। राजस्थान में भाजपा के कई बड़े नेताओं ने इस खबर को शेयर करते हुए कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया है। वहीं मरीज की मौत से गुस्साए परिजनों ने 108 जीवन वाहिनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नाराजगी जाहिर की। परिजनों ने कहा कि अगर ड्राइवर ने पहले ही दूसरी एंबुलेंस बुला ली होती तो शायद मरीज की जान बच जाती। लेकिन ड्राइवर तीन घंटे तक इधर-उधर टहलाता रहा। मृतक तेजपाल प्रतापगढ़ जिले के सूरजपुर गांव का रहने वाला था। तेजपाल अपनी बेटी और दामाद से मिलने भानपुर गांव आया था। बेटी को यह बोलकर घर से बाहर निकला था को थोड़ा इधर-उधर घूमकर आता हूं, लेकिन घर से बाहर निकलते ही तेजपाल अचानक बेहोश हो गया।