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Rajya Sabha Election: राज्यसभा चुनाव में अखिलेश यादव के सामने बीजेपी ने फंसाया पेच!, समाजवादी पार्टी कैसे जिताएगी अपना तीसरा उम्मीदवार?

Rajya Sabha Election: बीजेपी की तरफ से इस पेच इसलिए अहम है, क्योंकि सपा की सहयोगी अपना दल कमेरावादी की विधायक पल्लवी पटेल ने अखिलेश की तरफ से उतारे गए जया बच्चन, आलोक रंजन और रामजीलाल सुमन के पक्ष में वोट न देने का फैसला किया है। सपा के भी कुछ विधायक नाराज बताए जा रहे हैं।

लखनऊ। खबर है कि यूपी की 10 राज्यसभा सीटों पर बीजेपी ने पेच फंसा दिया है। बीजेपी के इस पेच से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए दिक्कत हो सकती है। दरअसल, अब तक बीजेपी ने 7 और समाजवादी पार्टी ने 3 उम्मीदवार उतारे थे। इस तरह अब तक बिना वोटिंग के ही सभी के चुने जाने की बात थी, लेकिन अब खबर है कि बीजेपी ने संजय सेठ को भी मैदान में उतारने का फैसला किया है। आज शाम तक राज्यसभा चुनाव के लिए परचा भरने का आखिरी मौका है। संजय सेठ के परचा भरने से राज्यसभा सीटों के लिए यूपी में चुनाव की नौबत आएगी।

बीजेपी की तरफ से संजय सेठ को मैदान में उतारने की बात इसलिए है, क्योंकि सपा की सहयोगी अपना दल कमेरावादी की विधायक पल्लवी पटेल ने अखिलेश की तरफ से उतारे गए जया बच्चन, आलोक रंजन और रामजीलाल सुमन के पक्ष में वोट न देने का फैसला किया है। बीते कल ऐसी भी चर्चा थी कि समाजवादी पार्टी के ही कुछ विधायक अखिलेश की तरफ से घोषित उपरोक्त तीनों राज्यसभा प्रत्याशियों से खुश नहीं हैं। ऐसे में बीजेपी की तरफ से अगर समाजवादी पार्टी में सेंधमारी की सफल कोशिश हुई, तो अखिलेश की पार्टी के तीसरे प्रत्याशी की जीत फंस सकती है।

सपा की तरफ से राज्यसभा प्रत्याशी जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन।

समाजवादी पार्टी को अपने तीनों राज्यसभा प्रत्याशी जिताने के लिए 111 वोटों की जरूरत है। उसके पास 108 विधायक हैं। पल्लवी पटेल की नाराजगी से वोट घटने के कारण सपा के पास 107 वोट बचते हैं। वहीं, उसके एक और विधायक रमाकांत यादव जेल में हैं और उनका वोट घटने से समाजवादी पार्टी के वोटों की संख्या 106 रह जाती है। कांग्रेस अगर अपने दोनों विधायकों के वोट सपा के पक्ष में दिलाए, तो भी सपा के 108 वोट ही होंगे और तीनों राज्यसभा उम्मीदवारों की जीत के लिए जरूरी वोट से 3 कम रह जाएंगे। उधर, बीजेपी के लिए अपने आठवें प्रत्याशी को जिताने में 14 वोटों की कमी है। अगर वो समाजवादी पार्टी में भितरघात करने में सफल हो गई, तो अखिलेश यादव को राज्यसभा चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है।