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Award: राकेश टिकैत को लंदन की कंपनी ने 21वीं सदी के आइकन अवॉर्ड का चुना फाइनलिस्ट

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को लंदन की एक कंपनी ने 21वीं सदी के आइकन अवॉर्ड के फाइनलिस्ट के तौर पर चुना है। ये अवॉर्ड ब्रिटेन की कंपनी स्क्वैयर्ड वाटरमेलन लिमिटेड देती है। कंपनी के मुताबिक आंदोलन को जीवित रखने के लिए टिकैत को फाइनलिस्ट में चुना गया है।

नई दिल्ली। कृषि कानूनों और किसानों के हक के लिए दिल्ली की सीमा पर भीड़ इकट्ठा करने वाले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को लंदन की एक कंपनी ने 21वीं सदी के आइकन अवॉर्ड के फाइनलिस्ट के तौर पर चुना है। ये अवॉर्ड ब्रिटेन की कंपनी स्क्वैयर्ड वाटरमेलन लिमिटेड देती है। कंपनी के मुताबिक आंदोलन को जीवित रखने के लिए टिकैत को फाइनलिस्ट में चुना गया है। 10 दिसंबर को लंदन में विजेताओं के नाम का एलान किया जाएगा। ये कंपनी दुनिया के लिए मिसाल बनने वाले लोगों को हर साल सम्मान देती है। इस बार राकेश टिकैत का नाम शामिल किया गया है। इससे पहले ये कंपनी सिंगर सोनू निगम और शंकर महादेवन, फैशन के लिए राघवेंद्र राठौर और तकनीकी के लिए धीरज मुखर्जी जैसे भारतीयों को अवार्ड दे चुकी है।

राकेश टिकैत अपने पिता महेंद्र सिंह टिकैत के दूसरे बेटे हैं। उनके बड़े भाई का नाम नरेश टिकैत है। राकेश टिकैत यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव में 4 जून 1969 को पैदा हुए थे। वह इस वक्त भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। उनके बड़े भाई नरेश बीकेयू के अध्यक्ष हैं। राकेश के पिता महेंद्र सिंह भी किसान नेता थे और 80 के दशक में उन्होंने दिल्ली में किसानों को इकट्ठा कर सरकार की नाक में दम कर दिया था।

rakesh tikait

भारतीय किसान यूनियन यूपी और उत्तर भारत समेत पूरे देश में फैला हुआ है। केंद्र के तीन कृषि कानूनों और एमएसपी समेत अन्य मांगों को आधार बनाकर पिछले एक साल से टिकैत और उनके साथी किसान आंदोलन चला रहे हैं। इसके तमाम नेता हैं, लेकिन लाइमलाइट में हमेशा राकेश टिकैत ही रहते हैं। किसानों के लंबे आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने हाल ही में कृषि कानून वापस लिए हैं।