
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की जादवपुर यूनिवर्सिटी में कैंपस के अंदर रामनवमी पर्व पर कार्यक्रम के आयोजन पर रोक लगा दी गई है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने रामनवमी पर्व मनाने के अनुमति मांगी थी लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी। उधर, एबीवीपी से जुड़े छात्र रामनवमी पर्व मानने पर अड़े हुए हैं जबकि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) जैसे वाम संगठन ने इसका विरोध किया है। छात्र संगठनों के आमने-सामने आ जाने से स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। पिछले साल रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर भी एबीवीपी और एसएफआई के बीच झड़प हो गई थी।
यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि कैंपस में छात्र गुटों के बीच गहमागहमी ना हो इसके लिए कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है। यूनिवर्सिटी का यह भी कहना है कि पहले कभी कैंपस में रामनवमी पर्व नहीं मनाया गया। उधर एबीवीपी का कहना है कि जब यूनिवर्सिटी के कैंपस में इफ्तार हो सकता है, तो रामनवमी क्यों नहीं हो सकती? छात्रों का कहना है कि रामनवमी पर हर हाल में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। एबीवीपी की पश्चिम बंगाल इकाई के ट्रस्टी बोर्ड के अध्यक्ष सांतनु सिंह ने वामपंथी संगठनों के खिलाफ बड़े विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। यह घोषणा इस बात को लेकर की गई है जब एसएफआई ने ऐलान किया है कि वो एबीवीपी को यूनिवर्सिटी कैंपस में किसी हाल में रामनवमी पर कार्यक्रम आयोजित करने नहीं देगी।
आपको बता दें कि जाधवपुर यूनिवर्सिटी को वामपंथी राजनीति का गढ़ माना जाता है। पिछले साल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एबीवीपी की मांग को मान लिया था और उन्हें रामनवमी पर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दे दी थी हालांकि बाद में एसएफआई के विरोध के कारण यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अनुमति को कैंसिल कर दिया था। इसके पीछे यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का हवाला दिया गया था।