newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Bihar: ‘राम कोई भगवान नहीं थे…’ भगवान राम को लेकर जीतन राम मांझी ने फिर दिया विवादित बयान

Bihar: ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब मांझी ने राम को लेकर विवादित बयान दिया है। पिछले साल भी उन्होंने इस तरह का विवादित बयान देते हुए कहा था कि वो राम को भगवान नहीं मानते न ही उनकी पूजा करते हैं।

नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा-जेडीयू सरकार के सहयोगी जीतन राम मांझी ने भगवान एक बार फिर राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए है। गुरुवार को उन्होंने जमुई में अंबेडकर जयंती के एक कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान कहा कि ”राम भगवान नहीं थे, वो तुलसीदास और वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के पात्र मात्र थे।” हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने खुद को माता शबरी का वंशज तो बताया, लेकिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम को काल्पनिक पात्र बताया। उन्होंने छूआछूत की समस्या पर भी बात करते हुए सवाल किया कि ”भगवान राम को मानने वाले दलितों का जूठा क्यों नहीं खाते हैं?” उन्होंने आगे कहा कि ”बड़े लोगों ने सत्ता के लालच में लोगों को बांट दिया है। जीतन राम मांझी ने इस कार्यक्रम में कहा कि, ”हम तुलीदास जी को मानते हैं, वाल्मीकि जी को मानते हैं। लेकिन राम को नहीं मानते, लेकिन अगर आप कहते हैं कि हम राम को मानते हैं। राम ने हमारी मां शबरी के झूठे बेर खाए थे। आप कम से कम आज हमारा छुआ हुआ तो खाइए…।”

बता दें, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब मांझी ने राम को लेकर विवादित बयान दिया है। पिछले साल भी उन्होंने इस तरह का विवादित बयान देते हुए कहा था कि ”वो राम को भगवान नहीं मानते, न ही उनकी पूजा करते हैं।” वो भगवान राम को केवल एक काल्पनिक चरित्र बताते हैं। इतना ही नहीं, वो अपने समर्थकों से भी राम की पूजा न करने को कहते हैं। इसके अलावा एक बार उन्होंने ब्राह्मणों को लेकर भी विवादित बयान दिया था। दरअसल, बीते साल दिसंबर महीने में उन्होंने पटना में एक ब्राह्मण भोज का आयोजन किया था, जिसमें उन्होंने शर्त रखी थी कि ”इस भोज में वही ब्राह्मण खाएंगे, जिन्होंने कभी कोई ‘पाप’ न किया हो।” उनके इस बयान पर भी काफी विवाद हुआ था। उनके इस बयान पर कई दलों के नेताओं ने जवाब दिए हैं। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि ”मांझी को अपने मन-मस्तिष्क का ठीक से इलाज कराना चाहिए। वो अगर राम को नहीं मानते हैं तो सबसे पहले अपने नाम के साथ लिखे राम को बदल दें। जो राम को नहीं मानता है वो व्यक्ति भारत की सभ्यता और संस्कृति के बारे में नहीं जानता है।”

तिवारी ने आगे कहा कि ”प्रभु श्री राम के बिना भारतवर्ष की कल्पना भी नहीं की जा सकती। असल बात तो ये है कि मांझी भगवान राम का नाम लेकर चर्चा में बने रहना चाहते हैं। माता सीता बिहार की बेटी हैं और इस तरह से भगवान श्रीराम बिहारवासियों के रिश्तेदार हैं। बिहार के लोग अगर मजाक में इस तरह की बातें करते हैं तो इसमें  कोई बात नहीं। लेकिन अगर कोई गंभीर होकर इस तरह की बात कहता है तो उसे अपने मन-मस्तिष्क का इलाज करवाना चाहिए।” वहीं, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि ”मांझी जी के नाम में ही राम लगा हुआ है और जिस सहयोगी पार्टी के साथ वो सत्ता में हैं वो तो भगवान राम के नाम पर ही सियासत करते हैं।भगवान राम को मानने वाले लोग पूरी दुनिया में मौजूद हैं।”