नई दिल्ली। राजस्थान के प्रतापगढ़ निवासी रामचन्द्र खराडी को केन्द्रीय कार्यकारी मण्डल ने कल्याण आश्रम के तीसरे अध्यक्ष के रूप में चुना है। बाला साहब देशपाण्डे के निधन के बाद 1995 से लेकर जगदेवराम उरांव ने 25 वर्ष तक कल्याण आश्रम का नेतृत्व किया। 15 जुलाई 2020 को जशपूर में जगदेवराम के निधन के पश्चात यह पद खाली हो गया था।
जीवन परिचय:
रामचन्द्र खराडी का जन्म 15 जनवरी 1955 को राजस्थान के उदयपुर जिले के खरबर गांव के भील जननाति परिवार में हुआ। उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई पूर्ण करके सरकारी सेवा में प्रवेश किया। तहसीलदार, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला अधिकारी आदि सरकारी पदों में रहकर राजस्थान के विभिन्न जिलों में उन्होंने कार्य किया। भूमि संबंधी मामलों का निपटारा करने हेतु उन्होंने सरकारी पद पर रहकर काफी सराहनीय कार्य किए। इसके कारण सरकारी कामकाज के क्षेत्र में खराडी का नाम काफी चर्चित रहा।
2014 में सरकारी सेवा से स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर धार्मिक एवं सामाजिक कार्य में सक्रिय भूमिका निभाते रहे। जनजाति समाज के परंपरागत धर्म संस्कृति की रक्षा के साथ-साथ गायत्री परिवार के कार्य से भी 1995 में वह संपर्क में आए। उनके नेतृत्व में 17 स्थानों पर गायत्री माता मंदिर निर्माण कार्य हुआ। 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में यजमान की भी भूमिका उन्होंने निभाई थी। कई स्थानों पर सामूहिक विवाह कराने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनका कल्याण आश्रम से संपर्क 2003 में डुंगरपुर कल्याण आश्रम के भवन निर्माण के समय में हुआ। 2016 में वह राजस्थान के अध्यक्ष बने। 2019 में दुबारा इस दायित्व के लिये वे चुने गये। गत दो वर्षों से वे कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में भी कार्यरत थे।
कार्य क्षेत्र:
नाशिक में आयोजित जनजाति प्रबुद्धजनों के सेमिनार में खराडी ने भाग लिया था। दिल्ली में आयोजित मीडिया प्रवक्ता शिविर, हितरक्षा आयाम के अन्तर्गत हैदराबाद में PESA Act पर आयोजित कार्यशाला, मुंबई में नीति दृष्टिपत्र तैयार करने हेतु किये सेमिनार आदि कार्यक्रमों में उपस्थित रहकर उन्होंने अपना अनुभव साझा किया। गत पांच वर्षों में कल्याण आश्रम के सभी अखिल भारतीय कार्यक्रम में उनका सानिध्य देशभर के कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ। देशभर के सभी प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ उनका अच्छा संपर्क भी स्थापित हो चुका है। विचारों में स्पष्टता के साथ प्रभावी वक्ता के रूप में भी उनका परिचय कार्यकर्ताओं के बीच में बना हुआ है।
2017 के संत ईश्वर सेवा पुरस्कार रामचन्द्र खराडी को प्राप्त हुआ था। बालासाहब देशपाण्डे और जगदेवराम के कार्यों को आगे बढ़ाने और कल्याण आश्रम कार्य को निर्विरोद रूप से चलाने का दायित्व अब रामचन्द्र खराडी पर आया है।