
नई दिल्ली। कर्नाटक हाईकोर्ट ने देर रात लंबी सुनवाई के बाद हुबली-धारवाड़ मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने की इजाजत देने वाले नगर निगम अधिकारियों के फैसले को बरकरार रखने का फैसला किया। जिसके बाद वहां भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई। श्रद्धालुओं की आमद शुरू हो गई। उधर, असामाजिक गतिविधियों पर विराम लगाने की दिशा में भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया। चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। हर गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। श्रद्धालु गणेश चतुर्थी का त्योहार हर्षों- उल्लास के साथ मनाते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन इस बीच पत्रकार राणा के हालिया ट्वीट से ऐसा प्रतित हो रहा है कि उन्हें यह सब रास नहीं आ रहा है। दरअसल, उनके हालिया ट्वीट ने इस बात को साफ कर दिया है कि ना ही उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला रास आ रहा है और ना ही वे लोगों के गणेश चतुर्थी के मनाने से खुश हैं। दसअसल, उन्हें इस बात का दुख है कि भला कैसे कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुना दिया। आखिर कोर्ट की इतनी हिम्मत कैसे हो गई। चलिए, अब आपको बताते हैं कि आखिर उन्होंने अपने ट्वीट में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के संदर्भ में ऐसा क्या कह दिया है कि हम उनके संदर्भ में इस तरह की भूमिका रचा रहे हैं। आइए, जरा आपको विस्तार से सबकुछ से बताते हैं।
दरअसल, पत्रकार राणा अयूब ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के संदर्भ में कहा कि तुम्हारे पास दुनिया भर की जमीन पड़ी है, लेकिन तुम ईदगाह आ रहे हो गणेश चतुर्थी मनाने। हालांकि, यहां गौर करने वाली बात है कि किसी की भी भानवाओं को ठेस ना पहुंचे। इसके लिए उन्होंने किसी भी खास समुदाय का जिक्र नहीं किया है, लेकिन लोग सोशल मीडिया पर उनके ट्वीट के मतलब समझ पा रहे हैं।
Imagine having all the land at your disposal but wanting to celebrate Ganesh Chaturthi in an Idgah. This sickness
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) August 30, 2022
इस बीच द वायर वाली पत्रकार तारूषी शर्मा का ट्वीट उन्होंने फौरन रीट्वीट किया क्योंकि इसमें यही बात थी जो राना खुले में कहना चाहती हैं। हालांकि, अब लोगों के जेहन में आमतौर पर यह सवाल उठता है कि आखिर राणा अयूब इस तरह के ट्वीट क्यों कर रही है ।आखिर इसके पीछे क्या वजह है।
Religious encroachment of the Eidgah ground was allowed by #Karnataka’s High Court. So the next time someone wants to perform namaz in a temple complex, please keep this ruling in mind? No? https://t.co/U7KgaUtbD8
— Tarushi Aswani (@tarushi_aswani) August 30, 2022
तो वजह बिल्कुल स्पष्ट है कि वे ऐसा करके खुद को मुस्लिमों का हितैषी बताना चाह रही है, जिसमें उन्हें अभी तक किसी भी प्रकार की सफलता नहीं मिल पाई है। इसके विपरीत उन्हें सोशल मीडिया पर लोगों के कहर का शिकार होना पड़ रहा है। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। दरअसल, उन्हें अपने उक्त ट्वीट को लेकर लोगों के रोष का सामना करना पड़ रहा है। आइए, अब आपको कुछ रोषत्मक प्रतिक्रिया दिखाते हैं।
यहां देखिए रोषपूर्ण प्रतिक्रिया
Imagine having an entire country after the partition, but wanting to stay in India. This is sickness. https://t.co/LLrZvoC2OQ
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) August 31, 2022
Imagine snatching a whole country exclusively for Muslims and still wanting to live in the land of Hindus.
This SICKNESS. https://t.co/ExSOr42fsp— Kashmiri Hindu (@BattaKashmiri) August 31, 2022
Imagine having 3 lakh+ mosques at your disposal but wanting to offer Namaz in temples, gurudwaras, parks, streets, shopping malls, trains, flights etc…. This sickness https://t.co/nmQ0fXOWif
— Arpita Shaivya (@arpispeaks) August 31, 2022
Indeed this is sickness – the objection to namaz in their own homes, and the URGE to celebrate Ganesh festival in other’s Idgah & getting permission in the dark of the night, is shameful.
Where are we heading? https://t.co/5WY31r9KUY
— Raza Khan (@Raza_AKhan) August 31, 2022
Imagine having 50+ countries of your religi0n & choice but still trying to spread fi|th in the pure land of Bharat aka HINDUSTAN.. https://t.co/c5sYpJLwVI
— The Sarcastic RW?? (@RwSarcastic) August 31, 2022