नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में नेताजी की एक पेंटिंग का अनावरण किया। इस पेंटिंग को लेकर केंद्र सरकार और खासकर नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाला एक गिरोह सक्रिय हो गया और देश के राष्ट्रपति जो कि एक सर्वोच्च संवैधानिक पद है, कोई राजनीतिक पद नहीं उसकी गरिमा को तार-तार करने पर लग गए। बता दें कि नेताजी की जिस फोटो का राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनावरण किया था, उसके लेकर इंडिया टुडे ग्रुप के पत्रकार राजदीप सरदेसाई जैसे वरिष्ठ पत्रकारों ने सवाल उठाते उस फोटो को एक्टर प्रोसेनजीत चटर्जी की फोटो करार दिया। अभिनेता प्रोसेनजीत चटर्जी ने एक फिल्म में नेताजी का किरदार निभाया था। ऐसे में राष्ट्रपति भवन में लगी नेताजी की फोटो पर सवाल खड़े करते हुए कहा गया कि राष्ट्रपति भवन में नेताजी की जगह पर प्रोसेनजीत की फोटो लगा दी गई है।
फिहाल इस मामले में नेताजी के पोते चंद्र कुमार बोस ने कथित दावे को खारिज करते हुए प्रोपोगेंडा फैलाने वालों को जमकर लताड़ भी लगाई थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा अनावरण किए गए तस्वीर को पद्मश्री से सम्मानित परेश मैती ने नेताजी की असली तस्वीर को देखकर बनाई है। नए पोट्रेट पर परेश मैती के हस्ताक्षर भी हैं। बता दें कि नेताजी के पोते की तरफ किए गए दावे के बाद राजदीप सरदेसाई ने अपनी पोस्ट तो डिलीट कर दी लेकिन अपनी इस भूल के लिए देश के राष्ट्रपति से माफी मांगना भी उचित नहीं समझा। ऐसे में अब राष्ट्रपति भवन की तरफ से भी इंडिया टुडे ग्रुप को एक चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें राजदीप सरदेसाई द्वारा नेताजी के पोट्रेट को लेकर उठाए गए सवाल पर कड़ी आपत्ति जताई गई है।
बता दें कि अब इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इंडिया टुडे के चेयरमैन अरुण पुरी को राष्ट्रपति भवन की तरफ से पत्र लिखा गया है। राष्ट्रपति भवन के प्रेस सचिव ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के दिन इस तरह की भ्रामक खबर चलाने को लेकर पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि नेताजी की जयंती पर राष्ट्रपति द्वारा उनकी तस्वीर के अनावरण को लेकर पत्रकारों के एक समूह वर्ग ने भ्रामक जानकारी शेयर की। उसमें कहा गया कि ये तस्वीर नेताजी नहीं बल्कि प्रसनजीत चटर्जी की है। सोशल मीडिया पर इंडिया टुडे के राजदीप सरदेसाई की तरफ से भी ऐसे ही दावे किए गए। लेकिन निराशाजनक बात है कि पत्रकार ने इससे जुड़े तथ्यों की जांच-परख करना भी जरूरी नहीं समझा और न ही नेताजी के परिवार के किसी सदस्य से इस संबंध में बात करना आवश्यक समझा।
राष्ट्रपति कार्यालय ने लिखा राजदीप सरदेसाई के ख़िलाफ़ इंडिया टुडे को पत्र, फ़ेक न्यूज़ पर जताई कड़ी आपत्ति pic.twitter.com/K4v9rDQKoX
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) January 30, 2021
बता दें कि इस मसले पर राष्ट्रपति भवन की तरफ से कड़े शब्दों में इस तरह की हरकत के लिए निंदा की गई और आगे भविष्य में इंडिया टुडे समूह के साथ अनुबंध की समीक्षा की बात कही गई।