ज्योति कुमारी की ट्रेनिंग को लेकर किरण रिजिजू ने रविशंकर प्रसाद से कही ये बात

रवि शंकर प्रसाद ने ज्योति कुमारी के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा, ”बिहार की एक लड़की के साहस के बारे में जाना। जिसने गुरुग्राम से दरभंगा तक अपने पिता के साथ 1000 से ज्यादा किलोमीटर तक साइकिल चलाई। उनकी प्रतिभा निखारने के लिए खेल मंत्री किरेने रिजिजू से बात की।”

Avatar Written by: May 24, 2020 1:47 pm
Kiran Rijiju Jyoti kumari Ravi Shankar Prasad

नई दिल्ली। लॉकडाउन में अपने पिता मोहन पासवान को साइकिल पर बिठाकर 8 दिन में एक हजार किमी से ज्यादा की दूरी तय कर गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा पहुंचने वाली ज्योति कुमारी इन दिनों खूब चर्चा में हैं। बता दें कि भारतीय साइकिलिंग महासंघ (सीएफआई) के निदेशक वीएन सिंह ने ज्योति की तारीफ करते हुए ज्योति को क्षमतावान बताया और कहा कि महासंघ उसे ट्रायल का मौका देगा।

Bihar Jyoti Kumari

वीएन सिंह ने कहा है कि, अगर वह सीएफआई के मानकों पर थोड़ी भी खरी उतरती हैं तो उन्हें विशेष ट्रेनिंग और कोचिंग मुहैया कराई जाएगी। इसके बाद अब केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने भी आश्वासन दिलाया है कि अगर ज्योति में क्षमता है तो उनकी ट्रेनिंग दी जाएगी। किरण रिजिजू ने यह आश्वासन कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद के ट्वीट के बाद दिलाया है।

Jyoti Kumari Bihar

दरअसल प्रसाद ने खेल मंत्री से ज्योति को प्रशिक्षण दिलाने में मदद करने का अनुरोध भी किया था। प्रसाद के इस ट्वीट का जवाब देते हुए रिजिजू ने उन्हें आश्वास्त किया है कि ज्योति की पूरी मदद की जाएगी।

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बता दें कि रवि शंकर प्रसाद ने ज्योति कुमारी के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा, ”बिहार की एक लड़की के साहस के बारे में जाना। जिसने गुरुग्राम से दरभंगा तक अपने पिता के साथ 1000 से ज्यादा किलोमीटर तक साइकिल चलाई। उनकी प्रतिभा निखारने के लिए खेल मंत्री किरेने रिजिजू से बात की।”

कानून मंत्री के इस ट्वीट पर केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने जवाब देते हुए लिखा, ”मैं आपको आश्वस्त करता हूं। ज्योति कुमारी के ट्रायल के बाद साइ अधिकारियों और साइक्लिंग फेडरेशन को मुझे रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। यदि उनमें संभावना दिखी तो उन्हें दिल्ली में आईजीआई स्टेडियम परिसर में राष्ट्रीय साइक्लिंग अकादमी में प्रशिक्षु के रूप में चुना जाएगा।”

इसके अलावा सीएफआई के निदेशक वीएन सिंह ने ज्योति के ट्रायल पर कहा था, ”मैंने उनसे बात की थी और उसे बता दिया है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब भी मौका मिलेगा वह दिल्ली आएं और उसका इंदिरा गांधी स्टेडियम में हम उसका छोटा सा टेस्ट लेंगे। हमारे पास वाटबाइक होती है, जो स्थिर बाइक है। इस पर बच्चे को बैठाकर चार-पांच मिनट का टेस्ट किया जाता है। इससे पता चल जाता है कि खिलाड़ी और उसके पैरों में कितनी क्षमता है। वह अगर इतनी दूर साइकिल चलाकर गई है तो निश्चित तौर पर उनमें क्षमता है।”