तिरुवनंतपुरम। केरल की वामपंथी सरकार की सुस्ती ने राज्य में कोरोना को कहर बरपाने का मौका दिया है। यह खुलासा राज्य में केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई टीम ने किया है। टीम के मुताबिक कोरोना रोकने के लिए पिनरई विजयन की सरकार उदासीन है। नतीजे में हर रोज 20 हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं। जबकि, 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। केंद्रीय टीम ने पाया कि जब लोग खुद बीमार होकर जांच करा रहे हैं, तभी उनमें वायरस का पता चल रहा है। जबकि, ज्यादातर जिलों में मरीजों की जानकारी जुटाने का कोई काम सरकार नहीं कर रही है। टीम के अनुसार राज्य सरकार कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी ठीक से नहीं कर रही है। मल्लपुरम जिले का उदाहरण देते हुए बताया गया है कि यहां संपर्क से बीमारी फैलाने की दर एक के मुकाबले डेढ़ है। जिले में औसतन हर परिवार में पांच लोग हैं, लेकिन यहां केरल सरकार यह तक नहीं जांच रही कि मरीज के करीबी लोग कौन हैं। इससे ज्यादातर लोगों में बिना लक्षण के कोरोना जा रहा है और वे बीमारी फैला रहे हैं।
केंद्र की टीम ने कहा है कि केरल में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन टेस्टिंग भी कम की जा रही है। तमाम जिलों में आरटी-पीसीआर टेस्ट पर्याप्त संख्या में नहीं हो रहे हैं। इन जिलों में आरटी-पीसीआर टेस्ट महज 20 फीसदी हो रहे हैं। जबकि, एंटीजन टेस्टिंग 80 फीसदी की जा रही है। बता दें कि कोरोना की पकड़ के लिए एंटीजन टेस्ट ज्यादा फायदेमंद नहीं होता है। टीम ने पाया कि सरकारी आइसोलेशन सेंटर बहुत कम हैं। इससे परिवारों में महामारी फैल रही है और उच्च टीपीआर दर है। ज्यादातर परिवारों के सदस्य कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। इसके अलावा कंटेनमेंट और माइक्रो कंटेनमेंट जोन भी केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक नहीं बनाए गए हैं। ज्यादातर कंटेनमेंट जोन में आसपास का इलाका भी बंद नहीं किया गया है। होम आइसोलेशन में रखे गए लोगों पर निगरानी नहीं है। इस वजह से वे बाहर घूम रहे हैं और बीमारी फैला रहे हैं।
वहीं, कोल्लम जिले में बीमारी फैलने की दर काफी कम है, लेकिन अस्पतालों में बेड भरे होने की दर ज्यादा है। यहां करीब 80 फीसदी ऑक्सीजन वाले बेड भरे हुए हैं। केरल के सभी जिलों में से कोल्लम में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए नमूने सबसे कम पाए गए। केंद्रीय टीम ने संकट से उबरने के लिए टेस्टिंग बढ़ाने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, रोकथाम उपायों को लागू करने और पर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे पर जोर दिया। आईसीयू और वेंटिलेटर बेड बुनियादी ढांचे को तुरंत बढ़ाने के लिए केरल सरकार से कहा गया है। साथ बच्चों के लिए आईसीयू बिस्तर बढ़ाने पर भी टीम ने जोर दिया है।
The Central Government’s team headed by NCDC has returned from Kerala & submitted its report.
I have spoken with the Chief Minister of Kerala, Shri @VijayanPinarayi ji, over the phone and discussed the matter of the rising #COVID19 cases in the State. (1/2)
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 4, 2021
I have also written a letter to CM Vijayan Pinarayi ji for taking more proactive measures and precautions to control the ongoing situation in Kerala.
I have sought the State’s cooperation in managing the situation and have assured Central Government’s complete support. (2/2)
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 4, 2021
केरल में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि एनसीडीसी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की टीम केरल से लौटी है और अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। मैंने केरल के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की है और राज्य में बढ़ते #COVID19 के मामलों पर चर्चा भी की। इसके साथ ही उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा कि मैंने केरल में जारी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए और अधिक सक्रिय उपाय और सावधानियां बरतने के लिए सीएम पिनाराई विजयन को पत्र भी लिखा है। मैंने स्थिति से निपटने में राज्य का सहयोग मांगा है और केंद्र सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है।