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Rajasthan News: भीलवाड़ा में बनाया गया विश्व की सबसे बड़ी रोटी बनाने का रिकॉर्ड, 185 किलो वजन की इस रोटी को देखने जुटी लाखों की भीड़

Rajasthan News: भीलवाड़ा में बनाया गया विश्व की सबसे बड़ी रोटी बनाने का रिकॉर्ड, रोटी को मां अन्नपूर्णा को भोग लगाने के पश्चात् पंचकुटा की सब्जी के साथ पधारे हुए सभी गणमान्य नागरिकों को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। आयोजन में विशाल संख्या में नागरिक जनों ने उत्साह से भाग लिया।

नई दिल्ली। बीते रविवार यानि 8 अक्टूबर को हरिशेवा उदासीन आश्रम में सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विश्व की सबसे बड़ी रोटी बनाने का आयोजन किया गया। आश्रम के महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सहयोग से आयोजनकर्ता भाजपा जिला प्रवक्ता राजस्थानी जनमंच अध्यक्ष कैलाश सोनी की अध्यक्षता में आचार्य पंडित सत्यनारायण शर्मा एवं पंडित मनमोहन शर्मा द्वारा वैदिक मंत्र उच्चारण कर अग्नि प्रज्वलित कर अन्नपूर्णा स्तोत्र के पाठ के साथ रोटी को सिकाना प्रारंभ किया गया।

आयोजन के अध्यक्ष भाजपा जिला प्रवक्ता राजस्थानी जनमंच अध्यक्ष कैलाश सोनी द्वारा विश्व कीर्तिमान स्थापित करने हेतु 185 किलो वजन , 11.15 x 11.15 फीट का आयात बना रोटी बनायी गई। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस विशालकाय रोटी को बनाने हेतु 2000 ईंटो पर शुद्ध मिट्टी को लेप कर एवं 1000 किलो कोयले से एक चूल्हा बनाया गया। रोटी को एक स्टील के 20 फीट के लंबे पाइप से बेला गया। लगभग 70 एम एम की मोटी रोटी को बनाने के लिए एक विशेष प्रकार का विशालकाय तवा तैयार किया गया जिसकी लंबाई चौड़ाई 16 फीट x 12 फीट और इसका वजन 1000 किलो है।

इस अवसर पर आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन, महंत बाबू गिरी, महंत मोहन शरण, महंत संत दास, महंत बनवारी शरण जी कठिया बाबा, संत मायाराम, महंत राधा शरण, महंत ओम दास, संत गोविंद राम व अन्य संतों महात्माओं का आशीर्वाद एवं सानिध्य प्राप्त हुआ। साथ ही राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय सह कार्यवाहक अलका जी इनामदार, राष्ट्र सेविका समिति चित्तौड़ प्रांत कार्यवाह वंदना वज़नीरानी, सह कार्यवाहिका रीना शुक्ला, भीलवाड़ा विभाग कार्यवाहिका मनीषा जाजू, चित्तौड़ प्रांत कुटुंब प्रबंधन संयोजक रविंद्र कुमार जाजू की भी सहभागिता प्राप्त हुई।

इस कार्यक्रम की लाइव रिकॉर्डिंग भी की गई। इसको वर्ल्ड रिकार्ड बनाने के लिए लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड व इंटरनेशनल बुक रिकॉर्ड में भी आवेदन किया गया है ।

कार्यक्रम के अंत में रोटी को मां अन्नपूर्णा को भोग लगाने के पश्चात् पंचकुटा की सब्जी के साथ पधारे हुए सभी गणमान्य नागरिकों को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। आयोजन में विशाल संख्या में नागरिक जनों ने उत्साह से भाग लिया। इससे पूर्व गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में वर्ष 2012 में विश्व की सबसे बड़ी रोटी का निर्माण किया गया था जिसका वजन 145 किलो था जिसे 10 फीट गुणा 10 फीट बनाया गया था।