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मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूल में बंटे वीर सावरकर के कवर वाले रजिस्टर, राष्ट्रपति पुरुस्कार विजेता प्रिंसिपल निलंबित

मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार की वीर सावरकर को लेकर नफरत कम होने का नाम नही ले रही है। इस बार सावरकर के नाम पर फिर से कार्यवाही की गई है। रतलाम के मलवासा के सरकारी स्कूल में वीर सावरकर के चित्र वाले रजिस्टर बांटे गए।

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार की वीर सावरकर को लेकर नफरत कम होने का नाम नही ले रही है। इस बार सावरकर के नाम पर फिर से कार्यवाही की गई है। रतलाम के मलवासा के सरकारी स्कूल में वीर सावरकर के चित्र वाले रजिस्टर बांटे गए। इसी जुर्म में उस स्कूल के प्रिंसिपल पर गाज गिरा दी गयी।

ये रजिस्टर और कॉपी एक एनजीओ ने बांटे। इसके बाद स्कूल के प्राचार्य आर.एन.केरावत को निलंबित कर दिया गया। वे राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता थे। उनके खिलाफ उज्जैन संभाग के आयुक्त ने यह कार्रवाई की। प्राचार्य को जांच में दोषी पाया गया। यह एनजीओ 7 वर्षों से ऐसी कॉपी किताब बांट रही है।

एनजीओ का नाम वीर सावरकर हितार्थ जन कल्याण समिति रतलाम है। इससे पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवादल की ओर से वीर सावरकर पर एक विवादास्पद किताब बांटी गई थी। किताब का शीर्षक था, ‘वीर सावरकर कितने वीर’।

भोपाल में आयोजित किए गए 10 दिवसीय ट्रेनिंग कैंप में इसे बांटा गया था इसमें महात्मा गांधी की हत्या, नाथूराम गोडसे और वीडी सावरकर का जिक्र किया गया। किताब में दावा किया गया है कि नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध थे। यहां तक लिखा गया कि सावरकर अल्पसंख्यक महिलाओं से बलात्कार करने के लिए लोगों को उकसाते थे।