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BJP: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की पहल का नतीजा, बिहार के किसान को मिली गोभी की 10 गुना ज्यादा कीमत

BJP: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) से आदेश मिलते हीं कॉमन सर्विस सेंटर के VLE ने तुरंत उस किसान से सम्पर्क साधा और सीएससी के डिजिटल प्लेटफॉर्म ई-किसान मार्ट पर इस किसान को दिल्ली के एक खरीददार ने दस रुपये प्रति किलो का मूल्य ऑफ़र किया।

नई दिल्ली। एक तरफ देशभर में किसान उन तीन कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिसको लेकर सरकार लगातार कह रही है कि ये कानून किसानों के फायदे के लिए बनाए गए हैं। इस कानून में इस बात का विश्ष प्रावधान है कि अब किसान अपने खेती के उत्पाद को देशभर में कहीं भी स्वतंत्र तरीके से बेच सकते हैं इसके लिए किसानों को किसी तरह की रोक टोक नहीं होगी। इससे किसानों को अपनी फसल की सही कीमत मिल पाएगी और किसान और बाजार के बीच से बिचौलिये का खात्मा हो जाएगा। सरकार की तरफ से खरीदी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रक्रिया को भी जस का तस जारी रखा गया है। लेकिन फिर भी किसान डरे हुए हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। खूले बाजार का पायदा किसानों को कैसे मिलता है इसका एक उदाहरण आज सामने देखने को मिला।

यह खबर मीडिया में छपने के बाद जैसे ही केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद तक पहुंची वह तुरंत एक्शन में आ गए और उन्होंने अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेंटर को निर्देश दिया कि इस किसान को संपर्क कर इनकी फसल को देश के किसी भी बाज़ार में उचित मूल्य पर बेचने का प्रबंध किया जाए।

इस बात की जानकारी ट्वीट कर रविशंकर प्रसाद ने दी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कॉमन सर्विस सेण्टर ने इस किसान की मदद की और उसके उपज को दिल्ली के खरीददार ने स्थानीय आढ़त से कहीं अधिक मूल्य पर खरीदा।

इसके बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से आदेश मिलते हीं कॉमन सर्विस सेंटर के VLE ने तुरंत उस किसान से सम्पर्क साधा और सीएससी के डिजिटल प्लेटफॉर्म ई-किसान मार्ट पर इस किसान को दिल्ली के एक खरीददार ने दस रुपये प्रति किलो का मूल्य ऑफ़र किया। किसान और खरीददार की आपसी सहमति के बाद, कुछ ही घंटों में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में पहुंच गई।

वहीं आज सुबह पूरी फसल को ट्रक पर लोड होते ही बची हुई राशि भी किसान के बैंक खाते में जमा हो गई है और समस्तीपुर की गोभी दिल्ली के लिए रवाना हो गई है।

इस पूरी प्रक्रिया में ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था भी खरीददार के द्वारा ही की गई और ट्रांसपोर्ट का पूरा खर्च भी खरीददार ने ही वहन किया, न कि किसान ने। इस पहली खेप में किसान ने चार टन गोभी दिल्ली के खरीददार को बेची है, जिसके लिए उसे स्थानीय मंडी से दस गुना अधिक कीमत भी मिली जिसका पेमेंट सीधा उसके बैंक खाते में तुरंत ही प्राप्त हो गया।

कॉमन सर्विस सेण्टर ने एक स्टार्टअप एग्री-टेन-एक्स के साथ मिल कर किसान ई-मार्ट नाम का डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया है जिसके द्वारा किसान अपने फसल के लिए देश भर के खरीददारों से संपर्क कर अपनी फसल बेच सकते हैं। इसमें खरीददार तय मूल्य पर सीधा किसान के खेत या भण्डार से उपज को ट्रांसपोर्ट भेज कर उठा लेता है जिस से किसान को अपनी उपज मंडी तक ले जाने की भी जरूरत नहीं रहती है।

अब नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों ने किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दे दी है। बिहार का ये किसान जिसे स्थानीय मंडी में मिल रहे दाम से निराश हो कर अपनी फसल नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा था, अब स्थानीय दाम से दस गुना अधिक दाम पर दिल्ली में अपनी फसल बेच पाया है।