नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर से जहां एक तरफ पूरा देश त्राहिमाम कर रहा है। वहीं देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रदेश यूपी में कोरोना की रफ्तार एकदम धीमी हो गई है। इसके पीछे की वजह है योही सरकार की कोरोना के खिलाफ आक्रामक रणनीति जिसकी वजह से कोरोना को काबू में किया जा सका है। सीएम योगी आदित्यनाथ खुद इस पूरे मामले की समीक्षा कर रहे हैं और लगातार इसको लेकर निर्देश जारी कर रहे हैं। योगी सरकार की ट्रिपल टी यानि टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीट के फॉर्मूले की वजह से कोरोना से बिगड़े हालत पर काबू पाया जा सका है। आपको बता दें योगी सरकार के इस सफल प्रयास की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है और कोरोना के निपटने के यूपी मॉडल को खूब सराहा जा रहा है।
WHO के मानक से हर रोज दस गुना ज्यादा से टेस्ट यूपी में हो रहे हैं। सीएम योगी की आक्रामक कांटेक्ट ट्रेसिंग की रणनीति से यूपी मॉडल देश में सबसे आगे निकल गया है। WHO के मानक के अनुसार यूपी में रोजाना 32 हजार टेस्ट का लक्ष्य रखा गया था पर यूपी में हर रोज औसत 3 लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं।
यूपी देस में अकेला राज्य है जहां एक पॉजिटव केस पर 31 कांटेक्ट सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं, जबकि महाराष्ट्र में- 6, कर्नाटक में – 11, केरल में – 8, दिल्ली में – 14, तमिलनाडु में – 12 और आंध्र प्रदेश में -11 कांटेक्ट सेंपल टेस्ट किए जा रहे हैं।
31 मार्च के बाद यूपी में कोविड टेस्ट में 64 फीसदी टेस्ट ग्रामीण इलाकों में हुए। RRT और निगरानी समितियों ने गांव-गांव जाकर बड़ी संख्या में टेस्ट किए, जिसकी वजह से कोरोना के मामलों में तेजी से कमी देखी गई।
पिछले 24 घंटे में यूपी में कोरोना के कुल मामले 642 आए, इसके साथ ही प्रदेश में कुल सक्रिय केस 12243 हो गए। जबकि दैनिक टेस्ट की संख्या 3.06 लाख रही और रिकवरी रेट 98% पर पहुंच गया। वहीं प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट 0.2% है। ऐसे में अब तक 5 करोड़ से ज्यादा टेस्ट करने वाला यूपी अकेला राज्य बन गया है।