
पटना। बिहार के सीएम और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार के पाला बदलकर बीजेपी के साथ फिर जाने की चर्चा जोरों पर है। इस बीच, न्यूज चैनल आजतक के मुताबिक आरजेडी के नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि आसानी से तख्तापलट और ताजपोशी नहीं होने देंगे। न्यूज चैनल के मुताबिक आरजेडी के सुप्रीमो लालू यादव जुटे हैं कि किसी दलित नेता को सीएम बना दिया जाए। शुक्रवार को ये खबर आई थी कि लालू यादव ने हम पार्टी के जीतन राम मांझी से संपर्क साधा है और उनको सीएम बनाने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, इस पर जीतन राम मांझी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी। जीतन राम मांझी के 5 विधायक हैं और वो अभी बीजेपी नीत एनडीए का हिस्सा हैं। अगर लालू किसी तरह जेडीयू में तोड़फोड़ करने में सफल होते हैं और मांझी का साथ भी मिल जाता है, तो नीतीश के लिए दिक्कत हो सकती है।
बिहार में नीतीश कुमार लगातार पाला बदलने वाले नेता के तौर पर पहचान बना चुके हैं। 1994 से लेकर 2022 तक वो कई बार पाला बदल चुके हैं। कभी लालू तो कभी बीजेपी के साथ नीतीश रहे हैं। तेजस्वी यादव तो पिछली बार पाला बदलने के बाद नीतीश कुमार को लगातार पलटू चाचा तक कहते रहे। इस बार जब नीतीश के पाला बदलने की खबरें आ रही हैं, तो लालू का आरजेडी खेमा उनको बड़ी सियासी पटकनी देने की लगता है तैयारी कर रहा है। हालांकि, नीतीश कुमार बहुत अनुभवी नेता हैं और अपने विधायकों को साथ रखने में माहिर रहे हैं। बहरहाल, नीतीश की पार्टी के नेता नीरज कुमार ने तेजस्वी के हुंकार पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि हमारी तरफ से कोई बयान नहीं आया और लगता है कि आरजेडी के मन में चोर है। ऐसे में बिहार की सियासत इस वक्त काफी पेचदार हो गई है।
अगर बिहार के मौजूदा सियासी गणित को देखें, तो बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं। बहुमत के लिए आंकड़ा 122 विधायकों का है। बिहार में लालू की आरजेडी के 78 और बीजेपी के भी 78 विधायक हैं। नीतीश कुमार की जेडीयू के 45 विधायक हैं। इसके अलावा कांग्रेस के 19, लेफ्ट के 16, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा यानी HAM के 5, एआईएमआईएम का 1 और 1 निर्दलीय विधायक हैं। फिलहाल सत्तारूढ़ महागठबंधन में नीतीश, लालू की पार्टी और कांग्रेस शामिल हैं।