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वीडियो: रोहित सरदाना से पूछा गया कि, ‘गोदी मीडिया’ क्या है, उन्होंने दिया ये मजेदार जवाब

पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता जगत में ‘फेक न्यूज़’ और ‘गोदी मीडिया’ जैसे शब्दों पर काफी चर्चा और बवाल हो रहा है। बल्कि मीडिया आज दो खेमे में बंट गया है… एक खेमा अपने आप को आदर्शवादी पत्रकार बताता है तो दूसरे को गोदी मीडिया।

नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता जगत में ‘फेक न्यूज़’ और ‘गोदी मीडिया’ जैसे शब्दों पर काफी चर्चा और बवाल हो रहा है। बल्कि मीडिया आज दो खेमे में बंट गया है… एक खेमा अपने आप को आदर्शवादी पत्रकार बताता है तो दूसरे को गोदी मीडिया। बल्कि नेताओं से लेकर आम जनता भी गोदी मीडिया का इस्तेमाल कर रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर ये गोदी मीडिया है कौन?  देश के प्रतिष्ठित पत्रकार रोहित सरदाना ने आज अपने दर्शकों से बातचीत में इससे अच्छे से परिभाषित किया।

आजतक के न्यूज एंकर रोहित सरदाना ने गोदी मीडिया को अच्छे से परिभाषित किया है। रोहित सरदाना ने कहा कि आप किसी भी कॉलेज या मुहल्ले में पढ़ते होंगे, आस-पास में रहते होंगे। कुछ बदमाश टाइप के लड़के होते होंगे, हर समय चौराहे पर बैठे रहते है और हमेशा ही उनकी नजर वह आस-पास रहने वाली गली मुहल्ले की लड़कियों पर नजर रहती है। उन गुड़ों को जो लड़कियां पंसद आ जाती है वो ये कह देते है कि सबकी भाभियां जिसका सब सम्मान करो, और वो मना कर दें तो कि मुझे तुम्हारी दोस्ती पंसद नहीं है। तो वो उसे अवारा बदचलन घोषित कर देते है। तो वो उसके खिलाफ दीवारों में जगह-जगह लिख देते है। तो इस समय की स्थिति यही है। जिन राजनीतिक पार्टियों को गोद में हम नहीं बैठे है तो वो दीवारों में जा जाकर लिखेंगे गोदी मीडिया। उनका कहना है कि हमारी गोद में बैठ जाओं वरना हम तुम्हें बदनाम कर देंगे कि तुम बदचलन हो। तो basically इनका दर्द यही है जो चौराहे पर बैठे मनचले और अवारा गुड़ों का होता है। ये है गोदी मीडिया की सच्चाई।